नई दिल्ली: चीन LAC पर क्या कुछ बड़ा करने की फिराक में हैं क्योंकि चीन ने बॉर्डर पर अब तक की सबसे बड़ी तैनाती कर दी है। LAC के 100 किलोमीटर के एरिया में 50 हजार चीनी सैनिक तैनात हो चुके हैं। रेजांग ला के पास हुई झड़प के बाद कहा जा रहा है कि चीन कुछ बड़ा करने के फिराक में है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने बॉम्बर्स, स्पेशल फोर्स के जवान, बख्तरबंद गाड़ियां, आर्टिलरी, पैराट्रूपर्स, एयर डिफेंस जवान और पैदल सेना की टुकड़ियों को तैनात किया है। चीन ने लाइव फायर टैक्टिकल ट्रेनिंग के दौरान मिसाइल का टेस्ट किया। चीन ने तिब्बत फ्रंट पर इस वक़्त दो नये हथियार डिप्लॉय किये हैं। पहली है ट्रक माउंटेड 122mm की तोप, दूसरी है Wheeled Vehicle माउंटेड एंटी टैंक मिसाइल HJ-10। ये दोनों हथियार हल्के हैं और पहाड़ी लड़ाई में आसानी से ऊपर चढ़ाई कर सकते हैं। इसके अलावा चीन ने टाइप 15 और टाइप 99 टैंक की तैनाती की है।
बातचीत के बीच युद्ध की तैयारी
भारत की तरफ से भी तैयारिया पूरी हैं। भारतीय सेना को ऑर्डर का इंतज़ार है। लेकिन सवाल ये है कि एक तरफ चीन, रूस में भारत से बातचीत कर रहा है और दूसरी तरफ LAC पर युद्ध की तैयारी कर रहा है। क्या चीन के विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के बीच कोई तालमेल नहीं है। चीन के विदेश मंत्री बात करना चाहते हैं और सेना युद्ध की तरफ बढ़ रही हैं।
मिसाइल लॉच की ट्रेनिंग दी जा रही
मिसाइल लांच की रिहर्सल, पहाड़ी रेगिस्तान में ड्रिल यह काम चीन की PLA सेना की 77वीं ग्रुप आर्मी कर रही है। चीनी सेना की इसी आर्मी ग्रुप ने 1962 की लड़ाई में भारत के खिलाफ जंग लड़ी थी। PLA की 77वीं ग्रुप आर्मी एक बार फिर फुल एक्टीव मोड में है। मिसाइल लांच की ट्रेनिंग ले रही है। कैसे मिसाइल दागी जाती है। कैसे दुश्मन सेना पर आग के गोलो बरसाएं जाते हैं, इसके फुल रिहर्सल में लगी हैं।
मीडियम रेंज की मिसाइलें टेस्ट की
LAC पर टेंशन हाई है। इस बीच चीनी सेना का लाइव फायर टैक्टिकल ट्रेनिंग बहुत कुछ कहता है। पीएलए के 77वें ग्रुप आर्मी ने अगस्त के आखिरी दिनों में दिनों में मीडियम रेंज की मिसाइलें दाग जंग की अपनी तैयारी को मुकम्मल बनाने में लगी है। मिसाइल का नाम है HQ-16 पूरा नाम हॉन्ग की-16 है।
HQ-16 मिसाइल मीडियम रेंज की मिसाइल है। इसकी रेंज 40 से 70 किलोमीटर होती है। ये क्रूज मिसाइल, फाइटर जेट्स, छोटी या कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों पर अटैक कर सकती हैं। ये मिसाइलें एयरडिफेंस सिस्टम में तैनात की जाती हैं।77वीं ग्रुप आर्मी ने लड़ा 1962 का युद्ध
पीएलए को राफेल से कितना खौफ है इससे साफ हो जाता है। मिसाइल के साथ-साथ 77th Group आर्मी एविएशन ब्रीगेड ने हाल ही में चॉपर से लाइव फायर ड्रील किया है। 77वीं ग्रुप आर्मी पीएलए के वेस्टर्न थिएटर कमांड में आती है। ये बटालियन हिमालय के आसपास ही तैनात है। लद्दाख में तनाव के दौरान इस बटालियन का रोल काफी अहम हो जाता है क्योंकि इसी 77वीं ग्रुप आर्मी को पहाड़ों पर लड़ाई करने का तजुर्वा है। 62 की जंग के अलावा इस बटालियन ने जापान, कोरिया और वियतनाम से भी जंग लड़ी है और अब एक बार फिर भारत के खिलाफ जंग की तैयारी में लगी है।
जयशंकर, वांग की मुलाकात पर निगाहें
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर रूस में SCO समिट में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। मॉस्को में अभी वो चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मीटिंग करेंगे। देखने वाली बात है कि क्या मॉस्को से आगे की राह निकलेगी। जयशंकर और वांग की मुलाकात पर दुनिया की निगाहें टिकी हैं।
बातचीत के बीच जंग की तैयारी में चीन
लेकिन आज की तारीख में चीन पर भरोसा किसे हैं। एक तफर वो LAC पर अपनी फौज की तैनाती बढ़ाता जा रहा है। जंग की तैयीरियां कर रहा है। तो दूसरी तरफ रूस में बातचीत के टेबल पर हैं। ऐसे में सवाल यही है कि क्या चीन की विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय में कोई तालमेल नहीं है।
भारतीय सेना ने चीन को चेतावनी दी
बातचीत की मेज पर नर्मी की जरूरत होती है। उसके विदेश मंत्री बातचीत से तनाव कम करने की राह पर हैं तो चीन की सेना तवान और बढ़ा रही है। जंग जैसे हालात पैदा कर रही है। इसी बीच भारतीय सेना ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर LAC पर कुछ भी गड़बड़ हुआ तो चीन को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
इंडियन एयर फोर्स अलर्ट मोड पर
चीन को जवाब देने के लिए इंडियन एयर फोर्स ने एयर एक्टिविटी बढ़ा दी है। पैंगोंग लेक इलाके में वायुसेना अलर्ट मोड में है। लद्दाख के आसमान में सुखोई और मिग जैसे विमानों से नजर रखी जा रही है।