![China post that led to Galwan Valley clash erected again, PLA ‘threatens patrols in Depsang’](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
नई दिल्ली: एक ओर शांति के लिए अफसरों के बीच बैठकें हो रही है और दूसरी ओर खबर ये है कि गलवान घाटी में हिंसा वाली जगह पर चीन ने टेंट लगा दिए हैं। गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर ये टेंट लगाए गए हैं। यानी साफ है कि बातचीत का राग अलाप रहा चीन एक बार फिर धोखा दे रहा है।
बुधवार को ही दोनों देशों के अधिकारियों के बीच करीब ढाई घंटे की बैठक हुई । इस बैठक में चीन ने कहा कि वो डिसइंगेजमेंट के प्लान पर काम करने के लिए सहमत है। मतलब गलवान घाटी में विवादित जगह से पीछे हटने को तैयार है लेकिन देर शाम आई इस खबर ने चीन के इरादों को एक बार फिर से बेपर्दा कर दिया है।
विवादित पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर फिर से टेंट खड़े करना, चीन की पैतरेबाजी को दिखाता है। सैटेलाइट इमेज बताते हैं कि चीन की सेना इस वक़्त एलएसी पर पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 के मुहाने पर ही मौजूद है। भारत ये सोचकर बैठा है कि चीन वापस चला जाएगा लेकिन टेंट हटाने की बजाय उसने और भी तंबू गाढ़ दिए हैं और स्ट्रक्चर खड़े कर दिए हैं।
दरअसल गलवान वैली और उसके आसपास भारत लगातार सड़क बना रहा है और अब भी ये काम रुका नहीं है। इसी को लेकर चीन बैचैन है और पिछले दो महीनों में दोनों देशों के बीच जो तनाव बढ़ा है उसकी ये सबसे बड़ी वजह है। भारत ने पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 तक रास्ता बना लिया है और यही बात चीन को पसंद नहीं आ रही है, जबकि चीन ने एलएसी में अपने क़ब्ज़े वाले इलाक़े की तरफ़ सड़क बना ली है।
मई के महीने की दो तस्वीरों से गलवान वैली में चीनी सेना की मौजूदगी का पता चलता है। 14 मई की तस्वीर में चीन की सैनिकों की संख्या अचानक से बढ़ने लगी थी। वहीं 27 मई की तस्वीर में दिखा कि चीन के सैनिकों की गतिविधियां यहां बढ़ने लगी थीं।
भारत ने चीन पर लगातार दबाव बनाये रखा कि चीन पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 से पीछे हटकर एलएसी के अपने वाले हिस्से पर जाए लेकिन चीन ने इसे कभी नहीं माना। बता दें कि पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 एक जंक्शन की तरह है और ये दोनों देशों के लिए बहुत खास है। यहां से चीन दौलत बेग ओल्दी की तरफ़ जाती हुई सड़क को देख सकता है।
इतना ही नहीं चीन क़रीब एक किलोमीटर तक भारत की पोज़िशन देख सकता है। इस जंक्शन प्वाइंट से वो अपने टेंट एरिया तक भी नज़र रख सकता हैं। ये कैंप एरिया इस वक़्त एलएसी से आगे है और यहां जो भी रहेगा वो दोनों तरफ़ के रास्तों पर नज़र रख पाएगा।
ऐसा लग रहा था कि बातचीत के जरिए ये मामला सुलझ जाएगा लेकिन चीन की हरकतों से साफ है कि उसका इरादा मामले को सुलझाने का नहीं है। ये सारी तस्वीरें कहती है कि चीन भरोसे के लायक नहीं है। यही वजह है कि भारतीय सेना भी पूरी तरह तैयार है। खुद आर्मी चीफ तैयारियों को देखने मौके पर पहुंचे। भारत अब चीन की हर हरकतों पर नजर रख रहा है।