नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जानकारी दी है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने इसकी पुष्टि की है कि अरुणाचल प्रदेश से लापता पांच युवक उनकी ओर मिले हैं। किरेन रिजिजू ने बताया, "चीन की पीएलए ने भारतीय सेना के हॉटलाइन संदेश का जवाब दिया है। उन्होंने पुष्टि की है कि अरुणाचल प्रदेश से लापता युवक उनके तरफ हैं। अब उन्हें निर्धारित प्रक्रिया के तहत वापस लाने का काम किया जा रहा है।"
आपको बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबनसिरी जिले के नाचो इलाके के पांच ग्रामीण युवक जंगल में शिकार करने गए थे, जब उन्हें कथित तौर पर पीएलए ने अगवा कर लिया। ये युवक सेना के लिए कुली और गाइड का काम करते थे। बीते शुक्रवार को उनके परिजनों ने सोशल मीडिया पर उनके लापता होने की जानकारी दी।
समूह के दो सदस्य घर लौटे और उन्होंने बाकी के पांच युवकों के परिवारों को बताया कि सेरा-7 से चीन के सैनिक उन्हें ले गए। सेरा-7 सेना का गश्ती क्षेत्र है जो नाचो के उत्तर में 12 किमी की दूरी पर स्थित है। सेरा-7 सेना का गश्ती क्षेत्र है जो नाचो के उत्तर में 12 किमी की दूरी पर स्थित है। नाचो मैकमोहन लाइन पर अंतिम प्रशासनिक क्षेत्र है और यह जिला मुख्यालय दापोरजियो से 120 किमी की दूरी पर स्थित है।
शुरुआत में चीन ने पांच युवकों के ठिकाने को लेकर पल्ला झाड़ लिया और कहा कि उसने इस उत्तरपूर्वी राज्य को कभी मान्यता नहीं दी । चीन उसे दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बीजिंग में मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘चीन-भारत सीमा के पूर्वी सेक्टर या झांगनान (चीन के झिनजियांग (तिब्बत) के दक्षिणी हिस्से) पर चीन का रूख एक जैसा और स्पष्ट रहा है।’’
उन्होंने कहा कि चीन सरकार ने तथाकथित अरूणाचल प्रदेश को कभी मान्यता नहीं दी। भारतीय नागरिकों के लापता होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘आपने जिस स्थिति की चर्चा की , मैं उससे अवगत नहीं हूं।’’
अगवा किए गए युवकों की पहचान टोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, डोंगटू एबिया, तनु बाकेर और गारू डिरी के रूप में हुई है। ऑल अरूणाचल प्रदेश स्टुडेंट्स यूनियन ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों से युवकों की जल्द एवं सुरक्षित रिहाई की मांग की। संगठन ने कहा, ‘‘यह इस तरह की इकलौती घटना नहीं है, पहले भी पीएलए लगातार इस तरह की घटनाओं को अंजाम देता रहा है।’’ इससे पहले मार्च में भी पीएलए ने मैकमोहन लाइन के पास से एक युवक को पकड़ लिया था। उसे 19 दिन कैद में रखने के बाद छोड़ा गया था।