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चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी में बाढ़ का अलर्ट जारी किया, असम में भी एहतियाती कदम गए उठाए

चीन ने सांगपो नदी में बढ़ते जलस्तर को लेकर भारत को सतर्क किया है क्योंकि इससे निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है।

Edited by: India TV News Desk
Updated on: August 30, 2018 23:13 IST
चीन ने...- India TV Hindi
चीन ने ब्रह्मपुत्र/सियांग नदी में बाढ़ का अलर्ट जारी किया

ईटानगर: चीन ने सांगपो नदी में बढ़ते जलस्तर को लेकर भारत को सतर्क किया है क्योंकि इससे निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है। अरुणाचल प्रदेश के सांसद निनोंग एरिंग ने यह जानकारी दी। दूसरी ओर असम में भी इससे निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाए गए हैं। चीन में सांगपो के नाम से जानी जाने वाली इस नदी को अरुणाचल प्रदेश में सियांग तथा असम में ब्रह्मपुत्र कहा जाता है।

केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीन की तरफ यह एक अभूतपूर्व स्थिति है जहां सांगपो नदी उफान पर है और इसने 150 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इसीलिए चीन ने भारत के साथ सूचना साझा की है। एरिंग ने बताया कि चीन में भारी बारिश के चलते सांगपो नदी में उफान के बाद बीजिंग ने भारत को अलर्ट जारी किया है। उन्होंने कहा, ‘‘स्थानीय अधिकारियों ने मुझे बताया कि चीन सरकार ने भारत सरकार से कहा है कि अरुणाचल प्रदेश के हिस्सों में बाढ़ आने की आशंका है। हमने अलर्ट को गंभीरता से लिया है और लोगों को आगाह किया है।’’

चीन सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार सांगपो/ब्रह्मपुत्र नदी में 9020 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। सांसद ने कहा कि सियांग आज तक शांत रही है, लेकिन पूर्वी और ऊपरी सियांग जिलों के लोगों को सतर्क किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे खुद के गांव के बाढ़ की चपेट में आ जाने का खतरा है।’’

केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि भारतीय विशेषज्ञों ने चीन द्वारा साझा किए गए ब्योरे का विश्लेषण किया है और इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि भारत में बहुत ज्यादा असर नहीं होगा, यद्यपि चीन में खतरनाक स्थिति हो सकती है। अधिकारी ने कहा कि इस साल यह पहली बार है जब चीन ने भारत के साथ नदी का ब्योरा साझा करना शुरू किया है। चीन ने ब्योरा 15 मई से साझा करना शुरू किया था, जबकि सतलुज नदी से संबंधित ब्योरा एक जून से साझा करना शुरू किया। दोनों पक्षों द्वारा इस साल मार्च में मुद्दे पर वार्ता के बाद ब्योरा साझा करने की शुरुआत हुई।

पड़ोसी राज्य असम में के डिब्रूगढ़ और धेमाजी जिलों में भी अधिकारियों ने इससे निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और केंद्रीय जल आयोग के मूसलाधार बारिश से ब्रह्मपुत्र नदी के स्तर के बढ़ने की चेतावनी जारी करने के बाद यह कदम उठाए गए हैं।

पिछले साल चीन ने कहा था कि बाढ़ की वजह से पानी एकत्र करने वाले स्थल नष्ट हो गए। यह ऐसे समय हुआ था जब मानसून के दौरान भारत और चीन के बीच 73 दिन तक डोकलाम गतिरोध चला था। ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत से शुरू होती है और फिर अरुणाचल प्रदेश पहुंचती है जहां इसे सियांग कहा जाता है। इसके बाद यह असम पहुंचकर ब्रह्मपुत्र हो जाती है तथा फिर बांग्लादेश के जरिए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।

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