नई दिल्ली: चीन ने अपनी अंतर्राष्ट्रीय सीमा के अंदर अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों को शामिल किया है। स्काई मैप की ओर से जारी चीन के नए नक्शे से इसका पता चला है। डीडब्ल्यू की एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि स्काई मैप चीन की अथॉरिटी है, जो डिजिटल नक्शे तैयार करती है। इसकी तरफ से नया नक्शा तैयार किया गया है। स्काई मैप को बीजिंग स्थित नेशनल सर्वेइंग एंड मैपिंग जियोग्राफिक इनफॉर्मेशन ब्यूरो की तरफ से संचालित किया जाता है।
अरुणाचल को तिब्बत का हिस्सा मानता है चीन
अरुणाचल प्रदेश, पूर्वोत्तर तिब्बत की सीमा पर स्थित एक पहाड़ी राज्य है, जो 1913-14 में ब्रिटिश भारत का हिस्सा था और 1938 में भारत और तिब्बत के बीच मैकमोहन रेखा निर्धारित होने के बाद औपचारिक रूप से भारत में शामिल किया गया था। मगर चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा मानता है, जिस पर उसने 1951 में कब्जा कर लिया था। चीन का नया नक्शा स्काई मैप के सन 1989 वाले संस्करण पर आधारित है। चीन ने उसके बाद से रूस और मध्य एशिया के दूसरे देशों के साथ अपने सीमा विवाद को सुलझा लिया था। लेकिन नए नक्शे में किसी का भी जिक्र नहीं है।
तिब्बत पर किया है संप्रभुता का दावा
डीडब्ल्यू रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि कुछ उपयोगकर्ताओं ने देखा कि स्काई मैप ने अभी देश के स्तर पर ही इस भौगोलिक जानकारी को अपडेट किया है। इस नक्शे में कुछ देशों के साथ लगती राष्ट्रीय सीमा को विशेष रूप से तिब्बत क्षेत्र में भूटान और भारत की सीमा को लाल रंग से चिह्न्ति किया गया है। चीन ने तिब्बत पर अपनी संप्रभुता का दावा किया है। भारत और भूटान की सीमाएं पूर्व से पश्चिम तक मिलती हैं। इसमें च्याउ काउंटी, लिन्जी शहर की मेडोग काउंटी, क्वोना काउंटी, शन्नान शहर की लुओजा काउंटी, कंगमा काउंटी, जिगोंग शहर की यादोंग काउंटी शामिल हैं।
अक्साई चिन पर चीन ने किया है कब्जा
चीन ने भारत के अक्साई चिन पर कब्जा किया हुआ है, जो करीब 37,000 वर्ग किलोमीटर के दायरे में है। यह हिस्सा जम्मू कश्मीर के तहत आता है और चीन के शिनजियांग प्रांत से इसकी सीमाएं लगी हुई हैं।