नयी दिल्ली: कश्मीर के मुद्दे पर भारत को घेरने की चीन की चाल विफल हो गई है। चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक बार फिर कश्मीर पर एक आतंरिक बैठक बुलाने का प्रस्ताव किया था लेकिन फ्रांस समेत दूसरे देशों ने इसे विफल कर दिया। पाकिस्तान के मित्र चीन ने जम्मू कश्मीर मुद्दे पर 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में मंगलवार को चर्चा कराए जाने का आह्वान किया था। फ्रांस के राजनयिक सूत्रों ने कहा कि कश्मीर पर सुरक्षा परिषद में चर्चा नहीं होगी। इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, ‘‘हमारी स्थिति बेहद स्पष्ट रही है। कश्मीर मुद्दे पर द्विपक्षीय चर्चा होनी चाहिए। हमने हाल में संयुक्त राष्ट्र सहित कई बार यह रेखांकित किया है।’’
भारत ने इस बारे में यूएन के पांच स्थायी सदस्यों और 10 अस्थायी सदस्य देशों से चर्चा की थी और अपना पक्ष रखा। स्थायी देशों में से भारत के सहयोगी ने भी चीन की अपील पर विचार किया और कहा कि इस मसले पर दूसरी बार चर्चा की जरूरत नहीं है। काफी विचार-विमर्श के बाद चीन ने अपनी अपील वापस ले ली।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के यूएन मिशन ने सुरक्षा परिषद के सदस्यों को लिखा था कि स्थिति की गंभीरता और आगे चलकर बढ़ने वाले जोखिम के मद्देनजर, चीन पाकिस्तान के अनुरोध को दोहराना चाहता है और जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर परिषद से एक ब्रीफिंग का अनुरोध करना चाहता है।
यूएनएससी में इस मुद्दे पर ब्रिटेन ने पहली बार भारत का साथ खुले तौर पर दिया है, वहीं यूएनएससी के एक अन्य स्थायी सदस्य रूस ने कहा कि फोरम में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। रूस का कहना था कि अजेंडा में दूसरे अहम वैश्विक मुद्दे होने चाहिए।
15 सदस्यों वाली यूएनएससी में शामिल इंडोनेशिया ने इस बात पर ऐतराज जताया कि लाइन ऑफ कंट्रोल के भारतीय क्षेत्र की ओर सुरक्षा बलों के जमावड़े को चर्चा का आधार क्यों बनाया जा रहा है। इंडोनेशिया ने कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है।
यह घटनाक्रम चीन और भारत के विशेष प्रतिनिधियों के बीच सीमा विवाद को लेकर होने वाली वार्ता के पहले सामने आया है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी 21 दिसंबर को भारत और चीन के बीच 22वें दौर की वार्ता के लिए आगरा में होंगे।
कूटनीतिक सूत्रों का कहना है कि हो सकता है कि निकट भविष्य में फिर से चीन की तरफ से इस तरह की कोशिश की जाए। पाकिस्तान की तरफ से भी लगातार संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखा जा रहा है जिसमें कश्मीर के हालात पर चर्चा करवाने की मांग की जा रही है।