Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. LAC के अपनी ओर गांव बना रहा है चीन, भारतीय क्षेत्र में कोई अतिक्रमण नहीं: सीडीएस बिपिन रावत

LAC के अपनी ओर गांव बना रहा है चीन, भारतीय क्षेत्र में कोई अतिक्रमण नहीं: सीडीएस बिपिन रावत

सीडीएस बिपिन रावत ने कहा कि भारतीय और चीनी, दोनों सेनाओं की एलएसी पर अपनी-अपनी चौकियां हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जहां भी चीन ने अपनी चौकियां विकसित की है, हमने उस क्षेत्र में मौजूद कुछ पुरानी जर्जर झोपड़ियां देखी थी।’’

Reported by: Bhasha
Published : November 12, 2021 11:05 IST
bipin rawat
Image Source : PTI LAC के अपनी ओर गांव बना रहा है चीन, भारतीय क्षेत्र में कोई अतिक्रमण नहीं: सीडीएस बिपिन रावत

नई दिल्ली: प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) बिपिन रावत ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीनियों के भारतीय क्षेत्र में आने और एक नया गांव बनाने के बारे में जारी विवाद ‘‘सही नहीं’’ है और संदर्भित गांव वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के उस पार पड़ोसी देश के क्षेत्र में है। रावत ने साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि चीन ने एलएसी की भारतीय ‘अवधारणा’ का उल्लंघन नहीं किया है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में कहा है कि एलएसी के पूर्वी सेक्टर में चीन ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और भारत के अरुणाचल प्रदेश के बीच विवादित क्षेत्र में एक बड़ा गांव निर्मित किया है।

इससे पहले अमेरिकी रिपोर्ट पर एक आधिकारिक प्रतिक्रिया में, विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने अपनी जमीन पर न ही चीन के अवैध कब्जे को और न ही किसी अनुचित चीनी दावों को स्वीकार किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बृहस्पतिवार को एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘चीन ने पिछले कई वर्षों में सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ-साथ उन क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियां की हैं, जिन पर उसने दशकों पहले अवैध रूप से कब्जा किया था। भारत ने अपनी जमीन पर न तो इस तरह के अवैध कब्जे को और न ही चीन के अनुचित दावों को कभी स्वीकार किया है।’’

हालांकि रावत ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘जहां तक हमारा सवाल है, एलएसी की तरफ हमारी ओर ऐसा कोई गांव नहीं बना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा विवाद कि चीनी हमारे क्षेत्र में आ गए हैं और एक नया गांव बनाया है, सही नहीं है।’’ सीडीएस ने कहा, ‘‘हालांकि मैं जो कहना चाहता हूं वह यह है कि चीनी संभवतः एलएसी के साथ लगते क्षेत्र में अपने नागरिकों या अपनी सेना के लिए गांवों का निर्माण कर रहे हैं, खासकर हालिया संघर्ष के बाद।’’

रावत ने यह भी कहा कि भारतीय और चीनी, दोनों सेनाओं की एलएसी पर अपनी-अपनी चौकियां हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जहां भी चीन ने अपनी चौकियां विकसित की है, हमने उस क्षेत्र में मौजूद कुछ पुरानी जर्जर झोपड़ियां देखी थी।’’ उन्होंने कहा कि इसलिए, उनमें से कुछ झोपड़ियों को तोड़ दिया गया है और नए बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है और आधुनिक झोपड़ियां भी बन रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हां, हो सकता है कि उनमें से कुछ गांवों का आकार बढ़ गया हो। मुझे लगता है कि शायद ये चीनी सैनिकों के लिए हैं और बाद में, वे कभी-कभी अपने परिवारों के आने पर उनकी सुविधा के लिए ये योजना बना रहे होंगे। हमारे नागरिक वहां जा रहे हैं, हमारे परिवार अग्रिम क्षेत्रों में जा रहे हैं, इसलिए वे यह सब देख रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि चीनी सैनिक अलग-थलग हैं। रावत ने कहा, ‘‘वे (चीनी सैनिक) मुख्य भूमि से हजारों मील दूर रह रहे हैं। और वे हमारे लोगों को देखते हैं कि वे बहुत प्रसन्न मुद्रा में हैं। उन्हें बहुत जल्दी-जल्दी घर जाने को मिलता है।’’ उन्होंने कहा कि एलएसी पर तैनात भारतीय सैनिकों को साल में तीन बार नहीं तो कम से कम दो बार घर जाने की छुट्टी मिलती है। उन्होंने कहा कि चीनी सैनिकों के पास यह सुविधा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘वे इस बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं, इस तरह के तथाकथित गांव, जो एलएसी के पार उनके क्षेत्र में हैं। उन्होंने एलएसी की हमारी अवधारणा का कहीं भी उल्लंघन नहीं किया है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि इस तरह के गांव का विकास उनकी (चीन) ओर से धौंस दिखाने का एक प्रयास है, उन्होंने जवाब दिया, ‘‘बिल्कुल नहीं, मैं इसे धौंस जमाना नहीं कहूंगा। इन गांवों के विकास के साथ, वे यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि वे अपने सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुंच बनायें। यह कुछ ऐसा है जो हमें भी करना चाहिए।’’ भारत अपने सीमा क्षेत्र के विकास के बारे में भी चिंतित है और सरकार ने बीएडीपी (सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम) परियोजनाओं के लिए धन जारी किया है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement