Friday, November 22, 2024
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बच्ची को पढ़ाने के लिए स्मार्टफोन नहीं था तो 6000 में बेच दी गाय, सरकार और प्रशासन से नहीं मिली कोई मदद

हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिले की ज्वालाजी तहसील के गुंबर गांव में कुलदीप नाम के एक व्यक्ति को अपनी गाय सिर्फ इसलिए बेचनी पड़ गई क्योंकि उसे अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए समार्टफोन खरीदना था।

Reported by: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: July 20, 2020 16:11 IST
बच्ची को पढ़ाने के लिए...- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA बच्ची को पढ़ाने के लिए स्मार्टफोन नहीं था तो 6000 में बेच दी गाय, सरकार और प्रशासन से नहीं मिली कोई मदद

ज्वालाजी (हिमाचल प्रदेश): कोरोना वायरस के इस दौर में एक ऐसा मामला सामने आया है जो एक तरफ बच्चों की पढ़ाई के लिए गरीब परिवार के समर्पण को दिखाता है तो दूसरी तरफ बेसुध प्रशासन और सरकार को लेकर भी सवाल खड़ा करता है। हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिले की ज्वालाजी तहसील के गुंबर गांव में कुलदीप नाम के एक व्यक्ति को अपनी गाय सिर्फ इसलिए बेचनी पड़ गई क्योंकि उसे अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए समार्टफोन खरीदना था।

इंडिया टीवी से बात करते हुए कुलदीप ने बताया कि बच्ची के स्कूल की तरफ से लगातार होम वर्क भेजा जा रहा था लेकिन स्मार्टफोन नहीं होने की वजह से वे बच्ची को स्कूल का होमवर्क कराने में असमर्थ थे। कुलदीप ने बताया कि स्मार्ट फोन खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे और मजबूर होकर उन्हें 6000 रुपए में अपनी दूध देने वाली गाय बेचनी पड़ गई जिसके बाद वे ऑनलाइन क्लास और होमवर्क के लिए फोन खरीद पाए। अपनी बच्ची की पढ़ाई के लिए यह एक गरीब परिवार का समर्पण दिखाता है।

कोरोना वायरस को देखते हुए देशभर में स्कूल-कॉलेज बंद हैं और सरकार घर में ही बच्चों को पढ़ाने के लिए ऑनलाइन क्लास लगाने पर जोर दे रही है। लेकिन सूचना और प्रोद्योगिकी के इस दौर में गरीबी के कारण कुलदीप की तरह कई लोग ऐसे भी पीछे छूट चुके हैं और ऐसे लोगों को आगे लाने के लिए सरकार और प्रशासन की सहायता जरूरी है। लेकिन कुलदीप के मामले में ऐसा संभव नहीं हो पाया है।

मामला मीडिया के सामने आने के बाद भी कुलदीप को अभी तक किसी तरह की सरकारी मदद नहीं मिल पायी है। कुलदीप ने इंडिया टीवी को बताया कि मामला सामने आने के बाद समाज के कुछ लोगों की तरह से उन्हें आर्थिक सहायता जरूर मिली है लेकिन स्थानीय प्रशासन से अभी तक मदद नहीं मिल सकी है। कुलदीप ने हालांकि यह भी बताया कि स्थानीय प्रशासन की तरफ से उनसे संपर्क जरूर किया गया है लेकिन अभी तक न तो कोई आश्वासन मिला है और न ही कोई मदद। कुलदीप की बेटी अनु पास के स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ती है जबकि बेटा वंश दूसरी कक्षा में है।

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