Tuesday, January 07, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने किया विनय ठाकुर की पुस्‍तक "आर्किटेक्‍चर ऑफ जस्टिस" का लोकार्पण

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने किया विनय ठाकुर की पुस्‍तक "आर्किटेक्‍चर ऑफ जस्टिस" का लोकार्पण

पेशे से वकील और फोटोग्राफर विनय ठाकुर की पुस्‍तक "आर्किटेक्‍चर ऑफ जस्टिस" का विमोचन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर सभागार में किया गया। 

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : December 03, 2018 17:52 IST
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने किया विनय ठाकुर की पुस्‍तक "आर्किटेक्‍चर ऑफ जस्टिस" का लोकार्पण
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने किया विनय ठाकुर की पुस्‍तक "आर्किटेक्‍चर ऑफ जस्टिस" का लोकार्पण  

नई दिल्‍ली। पेशे से वकील और फोटोग्राफर विनय ठाकुर की पुस्‍तक "आर्किटेक्‍चर ऑफ जस्टिस" का विमोचन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर सभागार में किया गया। पुस्‍तक का विमोचन मुख्य न्यायाधीश श्रीमान रंजन गोगोई ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस शरद ए बोबडे ने की। इस मौके पर उन्‍होंने लेखक के समर्पण और वचनबद्धता की प्रशंसा की। अदालत के निर्माण वास्तुकला पर लिखी गई यह एक दुर्लभ पुस्‍तक है। इस पुस्तक में अदालतों की अनदेखी छवियां आपको देखने को मिलेंगी। 

इस उल्‍लेखनीय पुस्‍तक को अंजाम तक पहुंचाने के लिए लेखक विनय ठाकुर और अमोग ठाकुर के बारे में माननीय श्री न्यायमूर्ति रविंद्र भट ने कहा कि यह पुस्‍तक देश के न्‍यायालयों के बारे में रोचक जानकारी उपलब्‍ध कराती है। यह एक अनूठी तरह की नई कॉफी-टेबल बुक है, जिसमें हमारे देश के न्‍यायालयों की भव्यता और समारोह को प्रमाणित करती है। 

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने भी इस कॉफी-टेबल बुक को लेकर खुशी जताई है और पेशे से वकील विनय ठाकुर को इस पुस्‍तक के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह अनूठी पहल सराहनीय है, जिसमें हमारे देश के तमाम न्यायिक संस्थान की भव्यता को दर्शाया गया है जिसका इतिहास खुद में हर किसी के लिए एक गर्व महसूस करवाता है। 223 पेज की कॉफी-टेबल बुक विनय ठाकुर की पूर्व पुस्तक, द कोर्ट्स ऑफ इंडिया - पास्ट टू प्रेज़ेंट (2016) की अगली कड़ी है, जहां उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय, 24 उच्च न्यायालयों और 12 बेंच को तस्‍वीरों के जरिए दिखाएं हैं। इस पुस्‍तक को तैयार करने में विनय ठाकुर ने फरवरी से जुलाई 2016 तक उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के लगभग 10 हजार तस्‍वीरें खींच कर उनके आर्किटेक्‍चर की संरचना और सुदंरता को बयां किया है, जो ब्रिटिश युग के दौरान बने थे। 

"आर्किटेक्‍चर ऑफ जस्टिस" के लेखक और फोटोग्राफर विनय आर ठाकुर कहते हैं कि उन्‍हें सुप्रीम कोर्ट का सही शॉट लेने के लिए फायर ब्रिगेड से इजाजत लेनी पडी, ताकि सुप्रीम कोर्ट का सही शॉट लिया जा सकें। उन्‍होंने कहा कि फोटोग्राफी में मेरा प्रशिक्षण और अनुभव काम आया। यही वजह है कि मैंने अलग नजरिए से अदालत की सुंदर इमारत को देखा, सीखा और महसूस किया। मैंने सीखा, कि केंद्रीय हॉल जो अदालतों की ओर जाता है, उसे 'पियानो नोबाइल' कहा जाता है, जो इसकी यूरोपीय आर्किटेक्‍चर पृष्ठभूमि से चित्रित होता है। इसके अलावा, पत्थर में उत्कीर्ण अदालत की आधिकारिक मुहर धर्म, धन और शक्ति की सुरक्षा का प्रतीक है। 

पुस्‍तक के सह- लेखक अमोग ठाकुर के मुताबिक यह सुप्रीम कोर्ट और भारत के उच्च न्यायालयों का एक पिक्चरियल वाक-थ्रू है, जो भवनों को उनके इतिहास और संदर्भ की पृष्ठभूमि को प्रस्तुत करता है। मुखौटे से खंभे तक, खिड़कियां और नक्काशीदार, जो एक आम व्यक्ति के लिए बेशक सामान्य सी लगती हैं, लेकिन एक फोटोग्राफर की आंखों से सुंदरता का प्रतीक नजर आती है। दुनिया को इसकी सुदरंता से रूबरू करवाना ही हमारा अहम मकसद है। मेरा सौभग्‍य है कि मैं अपनी कल्‍पना को इसमें उतार पाया। 

न्यायालयों की संरचनात्मक भव्यता आपको इस पुस्‍तक में देखने को मिलेगी। कहीं हैदराबाद के निजाम की विशिष्ट शैली दिखाई देगी, तो कहीं न्‍यायालय के शाही दरबार हॉल को एकटक निहारते नजर आएंगे। कुल मिलाकर यह पुस्‍तक आर्किटेक के छात्रों के साथ वकालत की प्रैक्टिस करने वालों के लिए ज्ञान का भंडार साबित होगी। इस कार्यक्रम में देश के नामी गिरामी न्‍यायधीश, अधिवक्‍ता और गणमान्‍य लोगों ने हिस्‍सा लिया।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement