नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एक अदालत ने मंगलवार को अंडरवर्ल्ड डॉन राजेंद्र सदाशिव निखलजे उर्फ छोटा राजन को फर्जी पासपोर्ट रखने के मामले में सात साल कैद की सजा सुनाई। लगभग 85 मुकदमों का सामना कर रहे छोटा राजन को फिलहाल एक मामले में दोषी ठहराया गया है।
फर्जी पासपोर्ट मामले में छोटा राजन को सजा सुनाने के अलावा, सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार गोयल ने अन्य दोषियों -पूर्व पासपोर्ट अधिकारी जयश्री दत्तात्रेय राहटे, दीपक नटवरलाल शाह तथा ललिता लक्ष्मणन- को सात साल कैद की सजा सुनाई। अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 15,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने कहा कि पासपोर्ट अधिकारियों ने राजन को पासपोर्ट जारी कर अपने पद का दुरुपयोग किया।
अदालत ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, पहचान बदलकर धोखा देने, दस्तावजों की धोखाधड़ी तथा आपराधिक षड्यंत्र के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आठ जून, 2016 को छोटा राजन, जयश्री दत्तात्रेय राहटे, दीपक नटवरलाल शाह तथा ललिता लक्ष्मणन के खिलाफ आरोप तय किया था।
अदालत ने उन्हें भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आपराधिक कदाचार का भी दोषी करार दिया। सीबीआई ने अपने आरोप-पत्र में आरोप लगाया था कि छोटा राजन ने साल 1998-99 में राहटे, शाह तथा लक्ष्मणन के सहयोग से मोहन कुमार के नाम पर एक फर्जी पासपोर्ट जारी कराया।
राजन पर 85 से अधिक मामले हैं। ये मामले हत्या, वसूली, तस्करी तथा मादक पदार्थो की तस्करी से जुड़े हैं। सीबीआई द्वारा दर्ज मामलों के अलावा छोटा राजन के खिलाफ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात में 70 से अधिक मामले लंबित हैं। अंडरवर्ल्ड डॉन को 25 अक्टूबर, 2015 को इंडोनेशिया की पुलिस ने बाली में गिरफ्तार किया था, जिसे प्रत्यर्पण के बाद छह नवंबर, 2015 को भारत लाया गया।