रायपुर: छत्तीसगढ़ में बिजली की प्रति यूनिट कीमत में इजाफा किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग (CSERC) ने पावर टैरिफ (बिजली की कीमत) में करीब 6.9 फीसदी यानी करीब 37 पैसा/यूनिट की वृद्धि की है। इन दरों को 1 अगस्त, 2021 से ही प्रभावी कर दिया गया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
CSERC के सचिव पीके शुक्ला ने बताया कि 'आयोग ने महसूस किया कि पावर टैरिफ के प्लान में बदलाव किया जाए। अगर अभी ऐसा नहीं किया गया, तो राज्य बिजली कंपनियों का संचित राजस्व अंतराल बढ़ता जाएगा, जिससे आगे चलकर बिजली उपभोक्ताओं पर ज्यादा दबाव पड़ेगा।'
पीके शुक्ला ने कहा कि ऐसा रास्ता अपनाया गया है, जिससे हमारे उपभोक्ताओं पर भी बोझ नहीं पड़ेगा और हमारी कंपनियों द्वारा लगाई गई लागत का भी समाधान हो जाएगा।
कितने रेट बढ़े?
- पिछले साल बिजली की औसत दर 5.93 रुपए/यूनिट थी। लेकिन, वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए इसे 6.41 रुपए/यूनिट निर्धारित किया गया है।
- घरेलू उपभोक्ताओं के लिए हर महीने 100 से कम यूनिट की औसत दर 3.40 रुपए/यूनिट थी, जिसे बढ़ाकर 3.60 रुपए/यूनिट कर दिया गया है।
- 100 से 200 यूनिट/महीना की खपत वालों के लिए औसत दर को 3.60 रुपए/यूनिट से बढ़ाकर 3.80 रुपए/यूनिट कर दिया गया है।
- इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इकाइयों के लिए टैरिफ पहले जितना ही रहेगा, जो 5 रुपए/यूनिट है।
- नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 1 अप्रैल 2019 के बाद लगाए गए मोबाइल टावरों पर बिजली सरचार्ज में 50% की छूट जारी रहेगी।
- आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों के चिकित्सा प्रतिष्ठानों को बिजली अधिभार में मिलने वाली छूट को 5% से बढ़ाकर 7% कर दिया गया है।
- खपत के आधार पर तय होने वाले फिक्स्ड चार्ज को अब कनेक्टेड लोड और टेलिस्कोपिक के आधार पर लिया जाएगा।
- लागू सिंगल फेज उपभोक्ताओं के लिए फिक्स्ड चार्ज की सीमा 3 किलोवॉट से बढ़ाकर 5 किलोवॉट कर दी गई है।
राज्य में बढ़ाई गई बिजली की कीमतों का मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा विरोध कर रही है। भाजपा नेता धर्मलाल कौशिक ने कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने लोगों को धोखा दिया है। बिजली की दरों में बढ़ोतरी से उन लोगों पर बोझ बढ़ेदा, जो पहले से ही कोरोना का खामियाजा भुगत रहे हैं। राज्य सरकार लोगों के साथ अन्याय कर रही है।