छत्तीसगढ़ राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का आज निधन हो गया। उन्होंने रायपुर के अस्पताल में अंतिम सांस ली। जोगी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी ने अपने पिता के निधन की जानकारी दी। गांधी परिवार के करीबी से लेकर एक नए राज्य के पहले मुख्यमंत्री और अब खुद की पार्टी के अध्यक्ष अजीत जोगी ने भारतीय राजनीति में एक लंबा सफर तय किया है। एक आईएएस अफसर के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले कांग्रेस के प्रखर वक्ता रह चुके हैं।
भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षाएं दो बार पास करने वाले अजीत जोगी को एक बेहतरीन प्रशासक भी माना जाता है। वे करीब दो दशकों तक देश में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे बड़े नेता रहे है।
आईपीएस और आईएएस का सफर
बिलासपुर के पेंड्रा में जन्में अजीत जोगी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद पहले भारतीय पुलिस सेवा और फिर भारतीय प्रशासनिक की नौकरी की। बाद में वे मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सुझाव पर राजनीति में आये। वे विधायक और सांसद भी रहे। बाद में 1 नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ बना तो राज्य का पहला मुख्यमंत्री अजीत जोगी को बनाया गया।
प्रारंभिक जीवन
अजीत जोगी का जन्म 29 अप्रैल 1946 को तत्कालीन ब्रिटिश भारत के मध्य प्रांत के बिलासपुर में हुआ था। अजीत जोगी ने भोपाल के मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। यहां उन्होंने 1968 में गोल्ड मैडल प्राप्त किया। उन्होंने शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, रायपुर में कुछ दिनों अध्यापन का कार्य किया। इसके बाद उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा और उसके बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा में हुआ।
राजनीतिक सफर
अजीत जोगी 1986 से 1998 के बीच दो बार राज्य सभा के सांसद चुने गए।1998 में वे रायगढ़ से सांसद चुने गए। 1998 से 2000 के बीच वे कांग्रेस के प्रवक्ता भी रहे। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वे 2000 से 2003 के बीच राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे। 2004 से 2008 के बीच वे 14वीं लोकसभा के सांसद रहे। 2008 में वे मरवाही विधानसभा सीट से चुन कर विधानसभा पहुंचे। कांग्रेस से अलग होने के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस का गठन किया है।