रायगढ़: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर एक मरीज की तड़पते हुए मौत हो गई। उसे कथित तौर पर स्ट्रेचर नहीं मिला। परिजनों को दुख इस बात का है कि आठ घंटे बाद भी अस्पताल प्रबंधन को इसकी जानकारी नहीं थी। रायगढ़ मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. सेन चौधरी ने कहा, ‘मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।’ मृतक के परिजनों ने जानकारी दी कि 2 घंटे तक स्ट्रेचर नहीं मिलने से मरीज की जान चली गई।
सारंगगढ़ के उलखर के रहने वाले समारू दास महंत को उल्टी-दस्त की शिकायत थी। डॉक्टरों ने किडनी में समस्या बताई और उसे बाहर सोनोग्राफी के लिए ले जाने को कहा। मरीज जब सोनोग्राफी करवाकर लौटा, तो स्ट्रेचर के लिए उसे 2 घंटे इंतजार करना पड़ा। इस दौरान उसकी हालत बिगड़ती चली गई। गुरुवार तड़के उसकी मौत हो गई। परिजनों ने कहा कि उसने सारंगगढ़ के अस्पताल में चेकअप करवाया, जहां से उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सोनोग्राफी टेस्ट की व्यवस्था नहीं है, इसलिए उसे निजी लैब जाकर सोनोग्राफी करवानी पड़ी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मरीज जब वहां से लौटा तो उसके परिजनों ने स्ट्रेचर के लिए कर्मचारियों से कहा, क्योंकि मरीज की नाक में ऑक्सीजन सप्लाई की पाइप लगी थी। लेकिन न तो वहां स्ट्रेचर था और न ही कोई ले जाने वाला। वे लोग 2 घंटे इंतजार करते रहे और उन्हें स्ट्रेचर तब मिला, जब मीडिया अस्पताल पहुंचा। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अस्पताल की कथित लापरवाही ने समारू दास महंत को मौत के मुहाने तक पहुंच दिया और गुरुवार तड़के उसकी मौत हो गई।