नई दिल्ली: आज महापर्व छठ का समापन है। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिन लंबे इस त्योहार का समापन हो गया। बिहार में खासतौर पर इस त्योहार की रौनक देखी गई। बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मुंबई में भी अलग-अलग घाटों पर आज सुबह से ही उगते सूर्य को अर्घ्य देने के श्रद्दालुओं की भीड़ उमड़ने लगी थी।
जो लोग नदी और नहरों से दूर हैं, उन लोगों ने आसपास कुंड बनाकर भी उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। सोमावर से ही छठ करने वाली महिलाएं व्रत पर थी। आज उगते सूर्य को अर्घ्य डालने के बाद महिलाएं अपना व्रत खोलीं। सोमवार को खरना की पूजा हुई थी और खरना के दिन से ही छठ करने वाली महिलाएं उपवास रखती है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के परिवार में उनकी भतीजी सुनिता, साले की पत्नी और भांजे की पत्नी रेखा छठ पर्व पर व्रत रखी हैं। नीतीश ने व्रतियों के साथ मुख्यमंत्री आवास परिसर में पानी भरे कुंड में खडे होकर अर्ध्य दिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री के बडे भाई सतीश कुमार, पुत्र निशांत, साला अरूण, बहनोई अनिल, भांजा मनीष कुमार और जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर, हरेंद्र सिंह सहित अन्य करीबी लोग उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान अपने पुत्र चिराग पासवान, पत्नी और भाई पशुपति कुमार पारस सहित परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पटना के एक घाट पर पहुंचे और परिवार की व्रती महिलाओं के साथ अर्ध्य दिया। इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए रामविलास ने सभी लोगों को छठ पर्व की शुभकामना देते हुए कहा कि उनकी यही प्रार्थना है कि सभी खुश रहे और छठी मैय्या का आर्शीवाद सभों पर बना रहे।
इस बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने ट्वीट कर कहा ' विश्व के सबसे बड़े पूर्ण रूप से इको-फ्रेंडली, समतावादी एवं समाजवादी सोच के प्रतीक लोक आस्था के महापर्व छठपूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ'। उन्होंने छठ पर्व के बारे में कहा 'अपने आप में यह पर्व विशिष्ट है।इसमें किसी पंडित या पुरोहित की आवश्यकता नहीं होती। छठ मे इस्तेमाल होने वाली सभी वस्तुएं और सामग्री प्राकृतिक होती है'। उन्होंने कहा 'छठ पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री हर आय वर्ग की पहुंच में होती है और यही इसकी विशेषता है। इसमें किसी प्रकार की आधुनिकता का भौंडा प्रदर्शन नहीं होता। राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी स्वास्थ्य कारणों से इसबार छठ पर व्रत नहीं रख पायी हैं।