उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान के निधन पर शोक प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि उन्होंने शानदार क्रिकेटर और परिश्रमी नेता के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाई थी। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘चेतन चौहान जी ने शानदार क्रिकेटर के रूप में और बाद में एक परिश्रमी नेता के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाई। उन्होंने उत्तर प्रदेश में जन सेवा में तथा भाजपा को मजबूत बनाने में प्रभावी योगदान दिया। उनके निधन से दु:खी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदनाएं।’’
चौहान का रविवार को कोविड-19 संबंधी दिक्कतों के चलते निधन हो गया। उनके भाई पुष्पेंद्र चौहान ने यह जानकारी दी। चौहान 73 वर्ष के थे। उन्होंने भारत के लिए 40 टेस्ट खेले थे। उनके परिवार में पत्नी और बेटा विनायक है। वह उत्तर प्रदेश सरकार में सैनिक कल्याण, होमगार्ड, पीआरडी और नागरिक सुरक्षा मंत्री थे।
अंतरराष्ट्रीय शतक लगाये बिना भारतीय क्रिकेट के सबसे मशहूर बल्लेबाजों में से एक चौहान उत्तर प्रदेश कैबिनेट में सैनिक कल्याण, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा मंत्री थे। उनके छोटे भाई पुष्पेंद्र ने कहा, ‘‘मेरे बड़े भाई चेतन चौहान बीमारी से लड़ते हुए आज हमें छोड़कर चले गये। मैं उन सभी का शुक्रिया करना चाहूंगा जिन्होंने उनके ठीक होने के लिये प्रार्थना की। उनका बेटा विनायक किसी भी समय पहुंच जायेगा और फिर हम उनका अंतिम संस्कार करेंगे।’’
महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर के साथ लंबे समय तक सलामी जोड़ीदार रहे चौहान को कोविड-19 पॉजिटिव पाये जाने के बाद 12 जुलाई को लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई में भर्ती कराया गया था। किडनी संबंधित बीमारियों के कारण उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया जिससे उन्हें गुरूग्राम के मेंदाता अस्पताल में शिफ्ट किया गया। शुक्रवार रात को उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया और उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया।
संन्यास लेने के बाद चौहान दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में कई पदों - अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और मुख्य चयनकर्ता - पर काबिज रहे। वह 2001 में आस्ट्रेलियाई दौरे पर भारतीय टीम के मैनेजर भी रहे थे। वह उत्तर प्रदेश के अमरोहा से 1991 और 1998 में दो बार लोकसभा के लिये चुने गये और 1981 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह उत्तर प्रदेश के दूसरे मंत्री हैं जिनका कोरोना वायरस से निधन हो गया। दो अगस्त को राज्य की तकनीकी शिक्षा मंत्री कमला रानी वरूण (62) का भी कोविड-19 पॉजिटिव आने के कुछ दिन बाद निधन हो गया था।
चौहान ने 12 साल के लंबे क्रिकेट करियर के दौरान 40 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 16 अर्धशतक लगाते हुए 2084 रन जुटाये। उनके नाम दो विकेट भी थे। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शतक नहीं जड़ सके और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 97 रन का रहा। गावस्कर के साथ उन्होंने भारत के लिये मजबूत सलामी जोड़ी बनायी और इन दोनों ने मिलकर 3000 से ज्यादा रन जोड़े जिसमें 12 शतकीय भागीदारियां शामिल थीं। चौहान ने 22 साल की उम्र में मुंबई के खिलाफ प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। सलामी बल्लेबाज के तौर पर उनके करियर के यादगार क्षण में से एक गावस्कर के साथ 1979 में इंग्लैंड के खिलाफ द ओवल में 213 रन की साझेदारी है जिसमें उन्होंने 80 रन बनाये थे।