नई दिल्ली। चुनाव से ठीक पहले सामान्य वर्ग को आरक्षण को लेकर मोदी सरकार ने जो कदम उठाया है उसके तहत सामान्य वर्ग के सभी लोग नहीं आएंगे बल्कि लोग आएंगे जो 5 मुख्य शर्तों को पूरा करेंगे। इस आरक्षण के तहत वे लोग हकदार होंगे जो अभी तक 50 प्रतिशत आरक्षण वाले दायरे में नहीं हैं। आरक्षण के लिए जो 5 मुख्य शर्तें हैं वे इस तरह से हैं।
पहली शर्त है कि सामान्य वर्ग का वही परिवार आरक्षण के दायरे में होगा जिसकी सालाना कमाई 8 लाख रुपए से कम है।
दूसरी शर्त है कि परिवार को आरक्षण का हकदार तभी माना जाएगा जब परिवार के पास 5 हेक्टेयर से कम जमीन होगी।
परिवार अगर ग्रामीक्ष क्षेत्र में रहता है तो उसका घर 1000 वर्गमीटर से ज्यादा क्षेत्रफल में नहीं होना चाहिए।
परिवार अगर नगर निगम शहरी क्षेत्र में रहता है तो उसका घर 100 यार्ड से बड़ा नहीं होना चाहिए, और पांचवी शर्त है कि परिवार अगर गैर नगर निगम शहरी क्षेत्र में है तो घर 200 यार्ड से बड़ा नहीं होना चाहिए।
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनावों के पहले मोदी सरकार ने एक बड़ा दांव चला है। सरकार ने गरीब सवर्णों के लिए नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत किया जा रहा है।
केंद्र सरकार आरक्षण के इस नए फॉर्म्युले को लागू करने के लिए आरक्षण का कोटा बढ़ाएगी। सूत्रों के मुताबिक सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े लोग इस आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे, इसके लिए सरकार मंगलवार को संसद में संविधान संशोधन का बिल पेश कर सकती है। बता दें कि लंबे समय से आर्थिक रूप से पिछले सवर्णों के लिए आरक्षण की मांग की जा रही थी।