रायपुर: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर भाजपा विधायक के वाहन को उड़ा दिया जिससे इस घटना में विधायक समेत पांच लोगों की मौत हो गयी। दंतेवाड़ा बस्तर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत है, इस क्षेत्र में लोकसभा के लिए 11 तारीख को मतदान होना है।
राज्य के नक्सल विरोधी अभियान के महानिदेशक गिरधारी नायक और पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया कि आज दंतेवाड़ा जिला के कुंआकोण्डा थाना के क्षेत्र के अंतर्गत कुआकोण्डा से लगभग चार किलोमीटर दूर कुआकोण्डा-बचेली मार्ग पर श्यामगिरी के पास दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के विधायक भीमा मंडावी अपने सुरक्षा काफिले के साथ जा रहे थे।
उन्होंने बताया कि शाम लगभग 04.45 बजे माओवादियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर उनके वाहन को उड़ा दिया जिसमें विधायक मंडावी की मृत्यु हो गई तथा उनके वाहन चालक आरक्षक दंतेश्वर मौर्य और तीन पीएसओ प्रधान आरक्षक छगन कुलदीप, रामलाल ओयामी और आरक्षक सोमडू कवासी शहीद हो गए।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुबह नौ बजे भीमा मण्डावी अपने तीन गाड़ियों के सुरक्षा काफिले के साथ, जिसमें वह स्वयं बुलेट प्रूफ वाहन में बैठकर चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए निकले थे। उनकी सुरक्षा में दंतेवाड़ा की डीआरजी के 50 जवानों का दल 25 मोटरसाइकिल पर सवार थे। वह सुबह नेतापुर, तन्नेनार, मेटापाल आदि स्थानों पर जाकर दोपहर एक बजे दंतेवाड़ा पार्टी कार्यालय वापस पहुंच गए थे। उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्होंने डीआरजी के सुरक्षा प्रभारी से कहा कि आज का प्रचार कार्यक्रम समाप्त हो गया है, इसलिए अब यह सुरक्षा वापस ले जाये।
दोपहर भोजन के बाद वह फिर से केवल अपनी तीन सुरक्षा गाड़ियों के साथ रवाना होकर सबसे पहले किरन्दुल पार्टी कार्यालय पहुंचे। वहां कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर बचेली के लिए रवाना हो गए। इस दौरान बचेली थाना के प्रभारी शील आदित्य सिंह को जब जानकारी मिली कि विधायक भीमा मण्डावी बचेली से कुआकोण्डा मार्ग पर जा रहे हैं, तब उन्होंने अपने मोबाईल फोन से दोपहर बाद साढ़े तीन बजे मण्डावी को बताया कि उस मार्ग पर पर्याप्त सुरक्षा नहीं है इसलिए वहां न जाएं।
अवस्थी और नायक ने बताया कि सिंह और भीमा मण्डावी के बीच लगभग दो मिनट तक बात हुई। इसके बावजूद विधायक मंडावी अपनी गाड़ी और सुरक्षा वाहनों के साथ उस रास्ते की ओर चले गए। कुआकोण्डा से चार किलोमीटर पहले यह घटना घट गई। अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों द्वारा इस विस्फोट के बाद विधायक मंडावी के साथ चल रहे सुरक्षा बलों ने जवाबी कारवाई की तब नक्सली वहां से भाग गए। वहीं दंतेवाड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव भी अतिरिक्त बल के साथ मौके पर पहुंच गए थे। इस घटना में मृत विधायक और अन्य जवानों को शवों को दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय लाया गया है। पुलिस ने पर्याप्त सुरक्षा नहीं होने की जानकारी विधायक को दी थी। लेकिन इस पर उन्होंने ध्यान नहीं दिया। यदि वह इस क्षेत्र में नहीं जाते तब शायद यह घटना नहीं होती।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों को पर्याप्त सुरक्षा दी गई है। उनके दौरे के दौरान उन्हें डीआरजी के जवान भी सुरक्षा देते हैं। दूसरे चरण के मतदान के दौरान भी नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं वहां सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी। वहीं शांतिपूर्ण मतदान के लिए बीजापुर और सुकमा में दो पुलिस उप महानिरीक्षक रतनलाल डांगी और अकबर राम कोर्राम को तैनात किया गया है। वहीं इस घटना के बाद पुलिस उप महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा को वहां भेजा गया है।
अधिकारियों ने बताया कि अभी तक मिली जानकारी में इस घटना को लगभग 25 नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया है। हांलकि इस संबंध में अधिक जानकारी जांच के बाद मिल सकेगी। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा की है। बस्तर लोकसभा क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों से सुरक्षा बलों ने इस संबंध में नक्सली पोस्टर बैनर भी बरामद किया है।
राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में शांति पूर्ण मतदान की चुनौती को देखते हुए बड़ी संख्या में जवानों को तैनात किया गया है। क्षेत्र में सुरक्षा बल लगातार गस्त में है और नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है। छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों के लिए तीन चरणों में 11 अप्रैल, 18 अप्रैल और 23 अप्रैल को मतदान होगा। पहले चरण में नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा सीट के लिए, दूसरे चरण में कांकेर, राजनांदगांव और महासमुंद लोकसभा सीट के लिए तथा तीसरे चरण में रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, जांजगीर चांपा, दुर्ग और सरगुजा लोकसभा सीट के लिए मतदान होगा।
लोकसभा निर्वाचन के दौरान तीन चरणों में राज्य के एक करोड़ 89 लाख 16 हजार 285 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर 166 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। इसके लिए 15 हजार 365 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं।