चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने बुधवार को कहा कि उसने कृषि के अलावा अन्य उद्देश्यों से नदी एवं नहर के पानी के इस्तेमाल पर शुल्क में संशोधन का फैसला किया है। एक सरकारी बयान के अनुसार यह फैसला यहां राज्य मंत्रिमंडल की एक बैठक में किया गया।
इसके अनुसार प्रस्तावित दरें पड़ोसी राज्य हरियाणा के बराबर हैं। इसके अनुसार संशोधन से पानी के शुल्क से राजस्व में मौजूदा 24 करोड़ रूपये प्रति वर्ष से 319 करोड़ रूपये प्रति वर्ष इजाफे की संभावना है।
बयान के अनुसार यह फैसला इस तथ्य को ध्यान में रखकर लिया गया है कि राज्य सरकार को नहर नेटवर्क के रखरखाव समेत अतिरिक्त संसाधन की जरूरत है। समूचे राज्य में नहरों का जाल 14,500 किलोमीटर में फैला है और समय के साथ इनकी स्थिति खराब होती गई है।