नई दिल्ली। कोरोना संकट की वजह से इस साल भी आम यात्री चार धाम यात्रा नहीं कर सकेंगे। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज इसकी जानकारी दी। चार धाम यात्रा अगले महीने से शुरू होने वाली थी। सरकार के मुताबिक बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में पुरोहितों को ही अनुष्ठान और पूजा करने की अनुमति होगी। हर साल देश भर से लाखों श्रद्धालु चार धाम यात्रा पर उत्तराखंड़ पहुंचते हैं।
मई से शुरू होनी थी यात्रा
चार धाम यात्रा अगले महीने से शुरू होनी थी। यात्रा में श्रद्धालु उत्तराखंड स्थित बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करते हैं। हर साल इस यात्रा में लाखों लोग पहुंचते हैं। अक्षय तृतीया के दिन 14 मई से यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलने के साथ यात्रा की शुरुआत होनी थी। 14 मई को गंगोत्री के कपाट, 17 मई को केदारनाथ मंदिर के कपाट और 18 मई को बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलेंगे। हालांकि इस बार पुरोहित ही पूजा संपन्न करेंगे और आम लोगों को यात्रा की अनुमति नहीं होगी।
उत्तराखंड में कोरोना की स्थिति बिगड़ी
हाल ही में उत्तराखंड में कुंभ का आयोजन हुआ था, जिसके बाद प्रदेश में अचानक संक्रमण में तेजी दर्ज हुई। प्रधानमंत्री के आग्रह पर प्रमुख अखाड़ों ने समय से पूर्व ही वापस जाने का ऐलान किया। इसी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा को भी स्थगित करने का फैसला लिया। कुंभ की समाप्ति के साथ ही हरिद्वार में कुछ जगहों पर 5 मई तक कर्फ्यू का ऐलान किया गया है। इसके साथ ही लक्सर , रुड़की, भगवान पुर में भी कोरोना कर्फ्यू लगा है। फिलहाल प्रदेश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1.6 लाख के पार पहुंच गये हैं। वहीं मरने वालों का आंकड़ा 2 हजार के पार पहुंच गया है। फिलहाल प्रदेश में सक्रिय मामले 43 हजार से ज्यादा है। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राजधानी देहरादून है, जिसके बाद हरिद्वार और नैनीताल का नंबर है।