बेंगलुरु। 7 सितंबर को चंद्रमा की सतह पर उतरने वाले लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने की वजह के बारे में पता लगाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के विशेषज्ञ और अकादमिक जानकारों की राष्ट्रीय स्तर की समिति विशलेषण कर रही है। बुधवार को ISRO की तरफ से यह जानकारी दी गई है।
ISRO ने बताया कि चंद्रमा के चारों तरफ चक्कर लगाने वाले ऑरबिटर के सभी पेलोड ठीक तरह से काम कर रहे हैं, ऑरबिटर पेलोड के शुरुआती ट्रायल सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं, ऑरबिटर्स के सभी पेलोड्स का प्रदर्शन संतोषजनक है और ऑरबिटर से विज्ञान के जो प्रयोग पूर्वनिर्धारित थे उन सभी को वह पूरा करेगा।
7 सितंबर को चंद्रमा पर उतरने से पहले रोवर प्रज्ञान को लेकर जा रहे लैंडर विक्रम से ISRO का संपर्क टूट गया था। चंद्रमा की सतह से लगभग 2 किलोमीटर ऊपर यह संपर्क टूटा था, ISRO ने लैंडर विक्रम से संपर्क साधने के तमाम प्रयास किए हैं लेकिन अभी तक विक्रम से किसी तरह का संपर्क नहीं हो पाया है और अब आगे संपर्क होने की उम्मीद भी घट गई है।