चंद्रयान-2 मिशन को एक साल का वक्त हो चुका है। साल 2019 में भारत का ये मिशन पूरी दुनिया में चर्चाओं के केंद्र में रहा है। इस अंतरिक्ष यान ने 20 अगस्त 2019 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। चंद्रयान-2 अभियान चंद्रमा की सतह पर उतरने की भारत की प्रथम कोशिश थी। इसरो ने चंद्रमा की सतह के दक्षिणी ध्रुव वाले हिस्से पर इसकी लैंडिंग कराने की योजना बनाई थी। हालांकि, ‘लैंडर’ विक्रम ने पिछले साल सितंबर में चंद्रमा पर ‘हार्ड लैंडिंग’ की।
लेकिन अगर हम आपसे कहें कि इस मिशन को लेकर उम्मीदें अभी भी जिंदा है, तो शायद आपको यकीं न हो, लेकिन चेन्नई के एक इंजीनियर ने इसरो के साथ कुछ ऐसी तस्वीरें साझा की हैं, जिसके बाद विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को लेकर उम्मीदें एकबार फिर से जगी है। चेन्नई के इंजीनियर शनमुगा सुब्रमण्यम ने कुछ तस्वीर साझा करते हुए कहा कि चंद्रयाव-2 का रोवर चंद्रमा की सतह पर बरकरार है और उसने विक्रम रोवर से निकलने के बाद कुछ मीटर का सफर भी तय किया।
शनमुगा सुब्रमण्यम ने ट्वीट कर कहा, "चंद्रयान -2 का प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर बरकरार है और विक्रम लैंडर से कुछ मीटर की दूरी पर लुढ़का हुआ है, जिसका पेलोड रफ लैंडिग के कारण बिखर गया। ऐसा लगता है कि लैंडर को कई दिनों से ब्लाइंडली कमांड्स भेजे गए और इस बात की एक अलग संभावना है कि लैंडर को कमांड मिल सकते थे और इसे रोवर को रिले कर सकते थे ... लेकिन लैंडर इसे वापस पृथ्वी पर संचार करने में सक्षम नहीं था।"