Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. चंद्रयान-2 मिशन लाइव अपडेट्स: चांद के अनदेखे दक्षिणी ध्रुव हिस्से पर उतरेगा चंद्रयान-2, अंतिम 15 मिनट होंगे बेहद अहम

चंद्रयान-2 मिशन लाइव अपडेट्स: चांद के अनदेखे दक्षिणी ध्रुव हिस्से पर उतरेगा चंद्रयान-2, अंतिम 15 मिनट होंगे बेहद अहम

चंद्रयान-2 मिशन लाइव अपडेट्स: ये इतिहास बनना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि चांद की सतह पर उतरने में जो पंद्रह मिनट लगेगा वो बेहद अहम है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 06, 2019 13:29 IST
Chandrayaan 2 landing Live- India TV Hindi
Chandrayaan 2 landing Live

चंद्रयान-2 मिशन लाइव अपडेट्स: चंद्रयान-2 का लैंडर ‘विक्रम’ शनिवार तड़के चांद की सतह पर ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए तैयार है। अंतरिक्ष में भारत का पहला मिशन बैलगाड़ी से चलकर आज जहां पहुंचा इसका सपना हमारे वैज्ञानिकों ने कई दशकों पहले देखा था। कुल 978 करोड़ की लागत वाला चंद्रयान-2 जब चांद की ज़मीन पर उतरेगा तो वो सपना हकीकत में बदल जाएगा। इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चंद्रयान-2 की लैंडिंग के वक्त इसरो में मौजूद रहेंगे। 

Related Stories

ये इतिहास बनना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि चांद की सतह पर उतरने में जो पंद्रह मिनट लगेगा वो बेहद अहम है। 7 सितंबर की रात के 1.40 बजे विक्रम का पावर सिस्टम एक्टिवेट हो जाएगा। विक्रम चांद की सतह के बिल्कुल सीध में होगा। विक्रम अपने ऑनबोर्ड कैमरा से चांद के सतह की तस्वीरें लेना शुरू करेगा। विक्रम अपनी खींची तस्वीरों को धरती से लेकर आई चांद के सतह की दूसरी तस्वीरों से मिलान करके ये पता करने की कोशिश करेगा की लैंडिंग की सही जगह कौन सी होगी।

पूरी कोशिश चंद्रयान को उस जगह पर उतारने की होगी जहां की सतह 12 डिग्री से ज्यादा उबड़-खाबड़ न हो ताकि यान में किसी तरह की गड़बड़ी न हो। एक बार विक्रम लैंडिंग की जगह की पहचान कर लेगा, उसके बाद सॉफ्ट लैंडिंग की तैयारी होगी। इसमें करीब 15 मिनट लगेंगे। यही 15 मिनट मिशन की कामयाबी का इतिहास लिखेंगे।

आखिरी 15 मिनट के दौरान 1 बजकर 40 मिनट पर लैंडर विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर दो क्रेटरों के सीध में पहुंचेगा और यहां से लैंडिंग के लिए अपनी यात्रा शुरू करेगा। उस वक्त चांद की सतह से लैंडर की ऊंचाई सिर्फ 30 किलोमीटर होगी। 30 किलोमीटर की दूरी जब 7.4 किलोमीटर की होगी तब लैंडर की गति धीमी की जाएगी। 5.5 किलोमीटर पर पहुंचने के बाद लैंडर के दो इंजन बंद कर दिए जाएंगे।

इसके बाद 400 मीटर की ऊंचाई तक विक्रम 45 डिग्री के कोण पर झुका रहेगा और 12 सेकेंड तक मंडराता रहेगा। 100 मीटर तक पहुंचने पर विक्रम लैंडर 22 सेकेंड तक मंडराता रहेगा। 100 मीटर से लैंडर की यात्रा फिर 10 मीटर पर आकर रुक जाएगी। 10 मीटर की ऊंचाई से लैंडर 4 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचेगा और सिर्फ 1 इंजन के सहारे चांद की धरती पर 1 बजकर 55 मिनट पर उतरेगा।

इस पूरी प्रकिया को सॉफ्ट लैडिंग का नाम दिया गया है। ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ इस मिशन का सबसे मुश्किल पल है और ये इसरो वैज्ञानिकों के ‘दिलों की धड़कनों’ को रोक देने वाला है। चांद पर उतरने के 15 मिनट बाद विक्रम लैंडर पहली तस्वीर भेजेगा और चांद पर उतरने के 4 घंटे बाद लैंडर से रोवर निकलेगा।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement