नई दिल्ली: आमतौर पर लोग अपने घर को हर लिहाज से खुशहाल बनाने की कोशिश करते हैं। कोई अपने घर में हर चीज वास्तु और दिशा-दोष को देखते हुए रखता और बनवाता है। कोई घर में प्रवेश से पहले बुरी आत्माओं को भगाने के लिए पूजा पाठ करवाता है, लेकिन इसके बाद भी घरों में कलह और लड़ाई झगड़े जैसी तमाम बातें सामने आती रहती हैं जो गृहस्वामी को कष्ट पहुंचाती हैं। कूटनीति और धर्मनीति के मर्मज्ञ आचार्य चाणक्य का कहना था कि अगर आपके घर में कुछ चुनिंदा प्रकृति के लोग रहते हैं तो आप अपनी मौत निश्चित मान लीजिए। जानिए घर में किस तरह के लोगों के वास से गृहस्वामी की मौत निश्चित मानी जाती है और इसे खुद चाणक्य भी प्रामाणिक मानते थे।
दुष्ट प्रकृति की स्त्री देती है गृहस्वामी को कष्ट-
अगर आपके घर में दुष्ट प्रकृति की स्त्री का वास है, तो गृहस्वामी के जीवन को खतरे में माना जा सकता है, क्योंकि ऐसी स्त्री के कामकाज से उसकी मौत की संभावना तेज हो जाती है। चाणक्य ऐसा इसलिए मानते थे क्योंकि दुष्ट प्रकृति की स्त्री के घर में रहने से नकारात्मकता बनी रहती है और यह हमेशा गलत काम को ही प्रेरित करती है, जो मौत का कारण बन सकती है।
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