चमोली. 7 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली में आई जल प्रलय ने भीषण तबाही मचाई। इस तबाही के बाद अभी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। उत्तराखंड में 7 फरवरी को आई जल प्रलय का एक और दिल दहलाने वाला वीडियो सामने आया है। देवभूमि में आई तबाही का ये वीडियो देखकर आप हिल जाएंगे। वीडियो में तपोवन NTPC प्रोजेक्ट में काम कर रहे मजदूर भयंकर बाढ़ में तिनके की तरह बहते हुए दिखाई दे रहे हैं। दरअसल जब सैलाब आया तो कई मजदूर तपोवन प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे, ये लोग जान बचाने के लिए डैम की दीवार पर चढ़ गए लेकिन कुदरत के कहर के आगे उनकी हर कोशिश बेकार गई। सैलाब उन्हें अपने साथ बहाकर ले गया।
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बड़ी टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
तपोवन प्रोजेक्ट की टनल में फंसे करीब 35 मजदूरों को जिंदा बचाने की जंग लगातार जारी है। आज रेस्क्यू ऑपरेशन का चौथा दिन है। सुरंग के अंदर से मलबा निकालने का काम लगातार जारी है। टनल के अंदर ड्रोन से भी रेकी की जा रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि मजदूर कहां फंसे हैं और अंदर कितना मलबा है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी सफलता नहीं है, मलबे में अब बड़े बोल्डर भी दिखने लगे हैं। वहां 24 घंटे काम चल रहा है।पढ़ें- राजा की तरह होटल में आया शेर, कुछ देर रुका और चला गया
किस वजह से आई बाढ़?
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालय जियोलॉजी के विज्ञानियों का प्रारंभिक आकलन है कि दो दिन पहले उत्तराखंड में आकस्मिक बाढ़ झूलते ग्लेशियर के ढह जाने की वजह से आयी। झूलता ग्लेशियर एक ऐसा हिमखंड होता है जो तीव्र ढलान के एक छोर से अचानक टूट जाता है। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक कलाचंद सेन ने कहा, "रौंथी ग्लेशियर के समीप एक झूलते ग्लेशियर में ऐसा हुआ , जो रौंथी/मृगुधानी चौकी (समुद्रतल से 6063 मीटर की ऊंचाई पर) से निकला था।"
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