नई दिल्ली. उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने की वजह से भीषण तबाही मची है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये तबाही केदारनाथ हादसे जैसी ही है। हादसे के फौरन बाद केंद्र सरकार भी हरकत में आई है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यनांद राय ने बतायाकि घटना स्थल पर ITBP की 2 टीमें पहुंच गई हैं। देहरादून से 2 टीमें चमोली रवाना हो गई हैं। 3 अतिरिक्त टीम IAF चॉपर के जरिए शाम तक वहां पहुंच जाएंगे। स्थानीय प्रशासन मौके पर मौजूद है।
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SDRF उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि ग्लेशिर टूटने के साथ ही बांध के क्षतिग्रस्त होने के कारण अलकनन्दा में पानी एवं मलवे का तीव्र बहाव है। SDRF की 05 टीमो को घटनास्थल को रवाना किया गया। शेष सभी टीमें को अलर्ट किया गया है, सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्म से लीगों से नदी किनारे से हटने की सूचना लगातार प्रेषित की जा रही है। रेस्कयू हेतु हेलीकॉप्टर की सहायता भी ली जा रही है। किसी भी प्रकार की सहायता के लिए लोग +91135 2410197, +91135 2412197 और +919456596190 पर कॉल कर सकते हैं।
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री घटना स्थल पर रवाना हो गए हैं। उन्होंने लोगों से किसी भी पुराने video share को शेयर कर panic ना फैलाना का निवेदन किया है। उन्होंने कहा कि एहतियातन भागीरथी नदी का फ्लो रोक दिया गया है। अलकनन्दा का पानी का बहाव रोका जा सके इसलिए श्रीनगर डैम तथा ऋषिकेष डैम को खाली करवा दिया है। SDRF अलर्ट पर है। राहत की खबर ये है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है। राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है।