चमोली. चमोली के रैणी गांव से 4 शव और बरामद किए गए हैं। एनडीआरएफ की टीम ने शव को बरामद किया। इन शवों के मिलने के बाद चमोली आपदा में मरने वालों का आंकड़ा 33 तक पहुंचा गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि तपोवन टनल में क़रीब 35 श्रमिक फंसे हैं, उनके लिए ड्रिल करके टनल में रस्सी लगाने की कोशिश की जा रही है। इसकी सफलता में अभी थोड़ा समय लगेगा लेकिन इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री का सुबह फोन आया था, प्रधानमंत्री लगातार यहां का अपडेट ले रहे हैं।
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इससे पहले केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह ने बताया कि उस परियोजना के 93 श्रमिक अभी लापता हैं। हमें लगता है वे बचे नहीं हैं। 49 लोग अभी भी सुरंग में फंसे हुए हैं। हमारी परियोजनाएं जहां हैं हर जगह अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाएंगे। मारे गए श्रमिकों के परिवार को 20-20 लाख रुपये देने को कहा गया है।
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आपको बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले के रेंणी क्षेत्र में आई विकराल बाढ़ के कारण एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की सुरंग में फंसे 30-35 लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस और राज्य आपदा प्रतिवादन बल का बचाव और राहत अभियान मंगलवार को भी युद्धस्तर पर जारी है।
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार शाम को आपदाग्रस्त तपोवन क्षेत्र पहुंचे थे और उन्होंने मंगलवार सुबह क्षेत्र का हवाई दौरा किया और हादसे में घायल हुए लोगों से अस्पताल में मुलाकात की तथा उनका हालचाल जाना। रविवार को पहाड़ से गिरी लाखों टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक बाढ़ आ गई और इससे ऋषिगंगा और तपोवन-विष्णुगाड बिजली परियोजनाओं में काम करने वाले और आसपास रहने वाले करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए। एनटीपीसी की सुरंग में भारी मलबा होने तथा उसके घुमावदार होने के कारण बचाव और राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं इसके बावजूद सुरंग का आधे से ज्यादा रास्ता अब तक साफ किया जा चुका है और अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही वहां फंसे लोगों से संपर्क हो सकेगा।