नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 21 जून को पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मुख्य कार्यक्रम के लिए दिल्ली समेत पांच शहरों का चयन किया है। चार अन्य शहरों में शिमला, मैसूर, अहमदाबाद और रांची शामिल हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के शुरू होने के बाद सरकार का पहला बड़ा राष्ट्रीय आयोजन होगा, जिसमें प्रधानमंत्री शिरकत करेंगे। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 21 जून को विश्वव्यापी स्तर पर योग दिवस के रूप में मनाने की मान्यता मिलने के बाद 2015 से आयुष मंत्रालय इस दिन योग महोत्सव का आयोजन करता है। किसी एक शहर में मुख्य आयोजन होता है जिसमें प्रधानमंत्री शिरकत करते हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने मुख्य आयोजन के लिए छह शहरों पर विचार करने के बाद पांच शहरों के नाम प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेजे दिये हैं। पीएमओ द्वारा मुख्य कार्यक्रम के आयोजन स्थल के लिए शहर के नाम पर मंजूरी मिलने का मंत्रालय को इंतजार है। आयूष मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने पहले ही तैयारियां शुरू कर दी हैं और कार्यक्रम बड़े पैमाने पर आयोजित होगा।’’
सूत्रों के अनुसार 17वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद के पहले सत्र की 17 जून से शुरुआत के कारण प्रधानमंत्री की व्यस्तता को देखते हुए योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली में ही होने की संभावना है। यदि राष्ट्रीय राजधानी को इसके लिए चुना जाता है, तो दिल्ली में इसका दूसरी बार आयोजन होगा। दिल्ली में पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य कार्यक्रम 21 जून 2015 को आयोजित हुआ था। मोदी की अगुवाई में राजपथ पर आयोजित इस कार्यक्रम में 191 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इसके बाद 2016 में मुख्य कार्यक्रम चंडीगढ़ और 2017 में लखनऊ में तथा 2018 में देहरादून में आयोजित हुआ था। प्रधानमंत्री की मौजूदगी में यहां ये कार्यक्रम हुए।
इस बीच योग दिवस की तैयारियों के मद्देनजर दिल्ली में शनिवार से दो दिवसीय योग महोत्सव 2019 का आयोजन किया गया है। मंत्रालय के मातहत संचालित मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान द्वारा इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित योग महोत्सव का उद्घाटन आयुष मंत्री श्रीपाद यसो नाइक करेंगे। अधिकारी ने बताया कि इसमें करीब 10,000 लोग शामिल होंगे जिसमें योग शिक्षक, पेशेवर आदि शामिल हैं। इसका उद्देश्य मुख्य कार्यक्रम से पहले योग का माहौल बनाना और लोगों को 21 जून कार्यक्रम के बारे में संवेदनशील बनाना है।’’
संयुक्त राष्ट्र ने मोदी द्वारा योग को वैश्विक रूप से मनाने का आह्वान किए जाने के बाद 2014 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तौर घोषित किया गया। योग की शुरुआत भारत में पांच हजार वर्ष पहले हुई थी।