नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आतंकवाद निरोधक अभियानों और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कश्मीर घाटी में केंद्रीय बलों के करीब 10 हजार अतिरिक्त जवानों को भेजने का आदेश दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद से ही सूबे में हलचल तेज हो गई है और लोगों के मन में तमाम सवाल दौड़ रहे हैं। आपको बता दें कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के जम्मू-कश्मीर से लौटने के तुरंत बाद जवानों की रवानगी का यह आदेश आया है। सरकार के इस फैसले पर सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है।
आर्टिकल 35ए से तो नहीं जुड़ा यह फैसला?
सरकार के इस फैसले को राज्य को विशेष अधिकार देने वाले आर्टिकल 35-ए को हटाने से जोड़कर भी देखा जा रहा है। हालांकि सरकार ने साफ किया है कि इस तरह की बातें महज अफवाह है। बीजेपी नेताओं ने भी इस घटना को सामान्य प्रक्रिया बताते हुए इसे 35-ए से जोड़ने की बातों को अफवाह करार दिया है। वही, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन और कानून-व्यवस्था में मदद के लिए इन अतिरिक्त जवानों को भेजा जा रहा है। आपको बता दें कि हाल के दिनों में आतंकियों के खिलाफ अभियानों में तेजी आई है।
फैसले का सियासी विरोध भी शुरू
सरकार के इस फैसले का राजनीतिक विरोध भी शुरू हो गया है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह एक ‘राजनीतिक समस्या’ है, जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जा सकता है। महबूबा ने ट्विटर पर लिखा, ‘घाटी में अतिरिक्त 10,000 सैनिकों को तैनात करने के केंद्र के फैसले ने लोगों में भय पैदा कर दिया है। कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जा सकता। भारत सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और उसे दुरूस्त करने की जरूरत है।’
जानें, क्या है सरकार का फैसला
रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 25 जुलाई को तत्काल आधार पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 100 कंपनियां तैनात करने का आदेश दिया है। इस फैसले के तहत 100 और कंपनियां घाटी में भेजे जाने की संभावना है। एक कंपनी में करीब 100 कर्मी होते हैं। ये इकाइयां CRPF (50 कंपनियां), SSB (30 कंपनियां) और ITBP एवं BSF से (10-10 कंपनियां) ली जाएंगी। इन कर्मियों को कश्मीर घाटी में आतंकवाद निरोधक ग्रिड को मजबूती प्रदान करने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए तैनात किया जाएगा।
मजबूत होंगे सुरक्षाबलों के हाथ
समझा जाता है कि नई इकाइयां घाटी में पहले से तैनात सुरक्षाबलों का हाथ मजबूत करेंगी जो वार्षिक अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे हैं और रोजाना आतंकवाद निरोधक अभियान चला रहे हैं। ये जवान घाटी में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की करीब 65 नियमित बटालियनों और यात्रा के सुचारू संचालन के लिए तैनात अन्य बलों की 20 अन्य बटालियनों के अतिरिक्त होंगे। यात्रा 15 अगस्त को समाप्त होगी। माना जा रहा है कि नई तैनातियों से राज्य में विधानसभा चुनाव कराने में भी मदद मिलेगी जो किसी भी समय होने की संभावना है।