Monday, November 25, 2024
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रजत शर्मा के शो 'आप की अदालत' में कानून, आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा- 'सोशल मीडिया पर अफवाहों को रोकने के लिए गाइडलाइंस रिवाइज कर रहा है केंद्र'

'हम गाइडलाइंस को रिवाइज करने जा रहे हैं। मैं व्हाट्स एप, फेसबुक, ट्विटर तीनों को बोलूंगा, आईटी और कानून मंत्री के रूप में.. कि जितना देश का कानून हम सबपर लागू है, उतना उनपर भी लागू है। कृपा करके अपने प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग अफवाह के लिए मत करिये, वरना कार्रवाई होगी।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: March 08, 2020 22:00 IST

नई दिल्ली: केंद्रीय कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि लोगों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म्स से संबंधित गाइडलाइन्स को रिवाइज कर रही है। रविशंकर प्रसाद इंडिया टीवी पर आज रात प्रसारित होने वाले शो 'आप की अदालत' में रजत शर्मा के सवालों का जवाब दे रहे थे। केंद्रीय मंत्री से पिछले सप्ताह के अंत में दिल्ली में फिर से दंगों के बारे में फैली फर्जी अफवाहों के बारे में पूछा गया था। इन अफवाहों के चलते लोगों में डर पैदा हो गया था। 

प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग अफवाह के लिए मत करिये, वरना कार्रवाई होगी

उन्होंने कहा, 'बहुत चिंता की बात है। हम गाइडलाइंस को रिवाइज करने जा रहे हैं। मैं व्हाट्स एप, फेसबुक, ट्विटर तीनों को बोलूंगा, आईटी और कानून मंत्री के रूप में.. कि जितना देश का कानून हम सबपर लागू है, उतना उनपर भी लागू है। कृपा करके अपने प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग अफवाह के लिए मत करिये, वरना कार्रवाई होगी।' 

हम गाइडलाइंस को और मजबूत कर रहे हैं, सख्त कार्रवाई करेंगे
रविशंकर प्रसाद ने दंगों को लेकर फैली अफवाहों के सर्कुलेट होने के कुछ घंटों के अंदर इन्हें खारिज कर हालात संभालने के लिए दिल्ली पुलिस और न्यूज चैनल्स की तारीफ की।रजत शर्मा ने जब सोशल मीडिया पर कुछ मौलानाओं द्वारा भड़काऊ भाषण देने के वीडियो के बारे में रविशंकर प्रसाद से पूछा तो उन्होंने कहा-'मैंने अपने विभाग से कहा है कि वह इन सबको खंगाले। हम गाइडलाइंस को और मजबूत कर रहे हैं, सख्त कार्रवाई करेंगे।' 

जुलूस लेकर आएंगे तो बातचीत नहीं होगी
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत के लिए तैयार थी, बशर्ते कि वे एक डेलीगेशन लेकर आते। उन्होंने कहा, 'हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन जुलूस लेकर आएंगे तो बातचीत नहीं होगी। दो महीने पहले मैंने स्ट्रक्चर्ड डायलॉग का प्रस्ताव दिया था। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि आप डेलीगेशन लेकर आइये लेकिन ये लोग जुलूस लेकर पहुंच गए। ऐसे तो कोई बातचीत नहीं होती?' 

देश से किसी भी अल्पसंख्यक को निकाला नहीं जाएगा
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'देश के कानून मंत्री के तौर पर मैं यहां आश्वासन देना चाहता हूं, देश से किसी भी अल्पसंख्यक को निकाला नहीं जाएगा।' उन्होंने कहा, 'लेकिन मैं आपसे एक सवाल भी पूछना चाहता हूं। क्या अमेरिका कोई ऐसे ही घुस सकता है? या तो नागरिक बनना पड़ेगा या वीजा लेकर जाना पड़ेगा। क्या इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन आप ऐसे ही जा सकते हैं? मैं इन देशों का नाम इसलिए ले रहा हूं क्योंकि ये जम्हूरियत वाले मुल्क हैं। वहां नागरिकता की सूची रखते हैं तो ठीक बात है.. पर यहां पर उसकी बात तक करते हैं, तो गलत बात है?

क्या आपको मुल्क के वजीरे आजम पर विश्वास नहीं है?
हालांकि रविशंकर प्रसाद ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर काम शुरू करने के लिए सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा, 'अभी एनआरसी का कोई फॉर्मेट भी नहीं बना है, और न ये कैबिनेट के सामने आया है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि अभी एनआरसी लाने का कोई विचार नहीं है। क्या आपको मुल्क के वजीरे आजम पर विश्वास नहीं है?

''इस पार या उस पार'' की लड़ाई होगी। यह कौन की भाषा है?
यह पूछे जाने पर कि दिल्ली चुनावों के दौरान 'देश के गद्दारों को, गोली मारो.....' का नारा लगाने वाले एक केंद्रीय मंत्री (अनुराग ठाकुर) के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'ये ठीक नहीं है। हमारी पार्टी में एक इंटरनल सिस्टम है। गृहमंत्री अमित शाह ने पब्लिकली कहा है कि इस तरह के नारे ठीक नहीं हैं।' हालांकि रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के बयानों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, 'सोनिया गांधी ने रामलीला मैदान में कहा कि अब ''इस पार या उस पार'' की लड़ाई होगी। यह कौन की भाषा है? वह इस पार्टी की 20 साल से अध्यक्ष हैं। एक प्रधानमंत्री की पत्नी रह चुकी हैं और एक प्रधानमंत्री की बहू रही हैं। ऐसी पार्टी जो मुल्क पर 50 साल से ज्यादा राज कर चुकी है। और आप कहेंगी इस पार या उस पार होगा? इस मामले में सबको सोचना पड़ेगा। 

सांप्रदायिक दंगे अचानक से नहीं हुए बल्कि ये पूर्व-नियोजित थे
केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि दिल्ली में हाल ही में हुए सांप्रदायिक दंगे अचानक से नहीं हुए बल्कि ये पूर्व-नियोजित थे। उन्होंने कहा, 'दिल्ली में जो दंगे हुए वे अचानक नहीं हुए। ऐसा नहीं कि अचानक ये दंगे भड़के। कहीं न कहीं इसकी तैयारी चल रही थी। क्योंकि कॉरपोरेटर के मकान में तेजाब, पेट्रोल बम, गुलेल, नुकीले पत्थर एक दिन में एकत्रित नहीं होते। 

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