नयी दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान केन्द्र सरकार राज्यों के साथ खड़ी रही है और केन्द्र की आपातकालीन वित्तीय सहायता ने कोविड -19 का मजबूती से सामना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना तृतीयक चिकित्सा देखभाल में क्षेत्रीय असंतुलन को दुरुस्त कर रही है और पिछड़े राज्यों में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा प्रदान कर रही है।
बयान में कहा गया है कि मांडविया एक कार्यक्रम में बोल रहे थे जिसमें उन्होंने झारखंड के देवघर जिले में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में एक आयुष भवन, रैन बसेरे और बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाओं के लिये नए भवन का उद्घाटन किया। बयान के अनुसार मंत्री ने कहा कि अब लोगों को देवघर में सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं मिल सकती हैं।
उन्होंने कहा कि संस्थान की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 मई, 2018 को रखी गई थी। उन्होंने कहा कि दूर-दराज से आने वाले लोग रैन बसेरों में रहकर अपना इलाज करा सकते हैं। मांडविया ने कहा कि संस्थान न केवल देवघर के 15 लाख निवासियों बल्कि झारखंड के 3.19 करोड़ लोगों की भी सेवा करेगा। बयान में कहा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के गतिशील नेतृत्व में केंद्र सरकार महामारी के दौरान राज्यों के साथ खड़ी रही है।
मांडविया ने कहा कि ईसीआरपी-1 और ईसीआरपी-2 (आपातकालीन कोविड-19 प्रतिक्रिया पैकेज) ने कोविड-19 से मजबूती से निपटने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में झारखंड की हर संभव मदद की है। दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रतिपादित 'अंत्योदय' - समाज के अंतिम नागरिक की सेवा- की अवधारणा का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना को लागू करने के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रयासों का मार्गदर्शक सिद्धांत है। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि भोपाल, भुवनेश्वर, रायपुर, पटना, जोधपुर और ऋषिकेश में एम्स अब पूरी तरह कामकाज शुरू हो चुका है।