पुडुचेरी: मुख्यमंत्री एन. रंगासामी ने बुधवार को कहा कि केंद्र ने पुडुचेरी को राज्य का दर्जा देने की मांग मान लेने का फैसला किया है। विधानसभा में 2021-22 के बजट पर बहस के दौरान सत्तापक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों के इस संबंध में प्रश्नों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘राज्य का दर्जा पुडुचेरी के लिए बिल्कुल आवश्यक है।’ उन्होंने कहा कि राज्य के दर्जा के बगैर पुडुचेरी ने कई मुश्किलों का अहसास किया है, ऐसे में केंद्र ने पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को मान लेने का फैसला किया है। हालांकि रंगासामी ने इसका ब्योरा नहीं दिया।
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के लिए पेंशन के तौर पर राज्य सरकार की योजना के तहत दी जाने वाली मासिक सहायता भी 9,000 रुपये से बढ़ाकार 10,000 रुपये करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए केंद्रीकृत प्रवेश समिति के मार्फत चुने गये विद्यार्थियों को ट्यूशन फीस का भुगतान करने से छूट प्रदान करने का फैसला किया है। बता दें कि कुछ दिन पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वी. नारायणसामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को मानने में 'कोई दिलचस्पी नहीं' दिखाने का आरोप लगाया था।
नारायणसामी ने कहा था कि जब मोदी फरवरी में चुनाव प्रचार के लिए पुडुचेरी आए थे तब उन्होंने चुनाव अभियान में इसके लिए राज्य के दर्जे की AINRC की मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। उन्होंने कहा था, ‘पीएम ने मांग पर चुप्पी साधे रखी और इससे साबित होता है कि उन्हें पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा देने में दिलचस्पी नहीं हैं।’ उन्होंने कहा था कि बीजेपी से पुडुचेरी के 2 मंत्रियों और पार्टी के अन्य विधायकों ने मोदी और केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात में भी पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग नहीं उठाई। उन्होंने कहा, ‘इसलिए यह साफ है कि न तो पीएम और न बीजेपी की पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने में कोई दिलचस्पी है।’ (भाषा)