नयी दिल्ली। केंद्र ने रविवार को सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से महीने के सभी दिन और देर तक राशन की दुकानें खुली रखने का निर्देश देने को कहा। इसका मकसद गरीबों को समय पर और सुरक्षित तरीके से सब्सिडी युक्त तथा मुफ्त अनाज का वितरण सुनिश्चित करना है। इस संदर्भ में केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने परामर्श जारी किया है।
मंत्रालय को यह जानकारी मिली थी कि कुछ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशो में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के करण राशन की दुकानों पर अनाज वितरण के समय में कमी की गयी है। इससे लाभार्थियों को अनाज प्राप्त करने के लिये पर्याप्त समय नहीं मिल पा रहा है।
मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘कुछ राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में लॉकडाउन लगाया गया है, इसके कारण उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) या राशन की दुकानों के कामकाज के घंटों में कमी आ सकती है। इसको देखते हुए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने 15 मई, 2021 को एक परामर्श जारी किया है। परामर्श में राशन की दुकानों को महीने के सभी दिन खोले जाने की अनुमति देने को कहा गया है।’’
उल्लेखनीय है कि केंद्र राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत प्रति व्यक्ति 5 किलो खाद्यान्न एक से तीन रुपये किलो की दर से 80 करोड़ से अधिक गरीब परिवार को उपलब्ध करा रहा है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत दो महीने (मई और जून) के लिये उन्हीं लाभार्थियों को मुफ्त में प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज दिया जा रहा है ताकि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ और अन्य पाबंदियों का प्रतिकूल असर गरीबों पर नहीं पड़े।
परामर्श में सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को महीने के सभी दिन उचित मूल्य की दुकानें खुली रखने और लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न का वितरण पूरे दिन क्रमबद्ध तरीके से करने को कहा गया है। साथ ही इस दौरान समुचित दूरी और केविड नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से यह भी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है कि उचित मूल्य की दुकानों को नियमित बाजार के लिये प्रतिबंधित घंटों से छूट दी जाए।
बयान के अनुसार सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से यह भी आग्रह किया गया है कि वे लाभार्थियों को बिना किसी कठिनाई के उचित दर दुकानों पर खाद्यान्न का समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं और इस संबंध में किए गए उपायों का व्यापक प्रचार भी करें।