नई दिल्ली: कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार नए संकट में फंस गए हैं। केंद्र ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने के लिए वह राजीव कुमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करे। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए एक पत्र लिखा गया है। यह कार्रवाई 'अनुशासनहीनता और अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968/एआईएस (अनुशासन और अपील), नियम 1969' के तहत करने के लिए कहा गया है।
रविवार को, शारदा चिटफंड मामले में पूछताछ के लिए कुमार के आवास पहुंची केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम के साथ धक्का-मुक्की की गई और कोलकाता पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया, जिसके बाद केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच राजनीतिक द्वंद्व पैदा हो गया।
पांच फरवरी की तिथि वाले केंद्र के पत्र में लिखा है कि गृह विभाग द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार, कुमार कोलकाता में मेट्रो चैनल के पास मुख्यमंत्री और कुछ पुलिस अधिकारियों के साथ धरने पर बैठ गए, जो कि प्रथमदृष्ट्या एआईएस(आचरण) नियम,1986/एआईएस(अनुशासन और अपील) नियम 1969 का उल्लंघन है।
गृह मंत्रालय ने सेवा आचरण नियम का हवाला देते हुए कहा कि सेवा में मौजूद सभी सदस्यों को हर समय कर्तव्य के प्रति पूर्ण निष्ठा बनाए रखना चाहिए और ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जो अनुचित हो।
नियम के मुताबिक, सेवा में मौजूद किसी भी सदस्य को न ही किसी राजनीतिक पार्टी का सदस्य होना चाहिए और न ही उससे जुड़ा होना चाहिए। पत्र के अनुसार, "इनसब चीजों को देखते हुए, गृह मंत्रालय पश्चिम बंगाल सरकार से अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की अपील करता है।"