अलप्पुझा (केरल)। अलप्पुझा और कोट्टायम जिलों में बर्ड फ्लू संकट के मद्देनजर हालात का जायजा लेने के लिए केन्द्र की तीन सदस्यीय टीम गुरुवार को यहां पहुंची। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि टीम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ रुचि जैन, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे के वैज्ञानिक डॉक्टर शैलेश पवार और राम मनोहर लोहिया अस्पताल, दिल्ली के डॉक्टर अनिथ जिंदल शामिल हैं। टीम ने यहां जिला प्रशासन के साथ हालात पर चर्चा की। बाद में टीम कारुवत्ता रवाना हुई जहां बर्ड फ्लू के काफी मामले सामने आए हैं।
केरल से सटे जिले में छह कौवे मृत मिले, कर्नाटक में भी बर्ड फ्लू की आशंका
बेंगलुरु: केरल में बर्ड फ्लू संकट के बीच राज्य की सीमा से सटे कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में छह कौवे मृत मिले हैं। स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने गुरुवार को बताया कि पक्षियों की मौत का कारण जानने के लिए उनके नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है। उन्होंने बताया कि केरल की सीमा से सटे सभी जिलों में आवश्यक एहतियाती कदम उठाए गए हैं और अभी चिंता की कोई बात नहीं है। सुधाकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘दक्षिण कन्नड़ जिले में छह कौवे मृत मिले हैं और उनके नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है। स्वास्थ्य और पशुपालन विभाग के अधिकारियों को जांच रिपोर्ट मिल जाएगी।’’ उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारी हालात पर नजर रख रहे हैं।
कोट्टायम जिलों में 69,000 पक्षियों को मारा गया
राज्य सरकार के बयान के अनुसार, बर्ड फ्लू को नियंत्रित करने के लिए बत्तखों और मुर्गों सहित 69,000 से ज्यादा पक्षियों को बुधवार को अलप्पुझा और कोट्टायम जिलों में मार दिया गया। शुरुआत में बर्ड फ्लू के मामले अलप्पुझा जिले के कुट्टानाद क्षेत्र की चार पंचायतों नेदुमुदी, तकाजी, पल्लीप्पड़ और कारुवात्ता तथा कोट्टायम जिले के नींदूर में आए थे। दोनों जिलों के अलावा जहां-जहां बर्ड फ्लू फैलने का संदह है, वहां पक्षियों को मारने के लिए 19 त्वरित प्रतिक्रिया टीम तैनात की गई है।
प्रभावित क्षेत्रों में पक्षियों के मांस और अंडा खाने पर लगा प्रतिबंध
राज्य के पशुपालन मंत्री के. राजू ने कहा कि बर्ड फ्लू वायरस के अभी तक मनुष्यों में आने की कोई सूचना नहीं है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में पक्षियों के मांस और अंडा खाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य सरकार ने उन किसानों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है जिनके पक्षियों को मारा जा रहा है। दो महीने तक के पक्षी के लिए 200 रुपये और दो महीने से कम के पक्षी के लिए 100 रुपये की दर से सहायता दी जाएगी।
गुजरात के मेहसाणा में चार कौवे मृत मिले, जांच के लिए नमूने प्रयोगशाला भेजे गये
अहमदाबाद: देश के कई अन्य हिस्सों से ‘बर्ड फ्लू’ के मामले सामने आने के बाद गुजरात में जारी अलर्ट के बीच मेहसाणा जिले में बृहस्पतिवार को चार कौवे मृत पाये गये। अधिकारियों ने इस बारे में बताया। ये कौवे मेहसाणा के मोढेरा गांव में प्रसिद्ध सूर्य मंदिर के परिसर में मृत मिले। मेहसाणा के पशुपालन अधिकारी डॉ. भरत देसाई ने बताया कि मरे हुए कौवों के नमूने जांच के लिए भोपाल की प्रयोगशाला में भेजे गये हैं जिससे यह पता चल सके कि इनकी मौत बर्ड फ्लू के कारण हुई है या किसी और कारण से।
50 प्रवासी पक्षियों के अवशेष और उनके खून के नमूने जांच के लिए भोपाल भेजे गए
देसाई ने कहा, ‘‘बर्ड फ्लू की वजह से बड़ी संख्या में पक्षियों की अचानक मौत हो जाती है। हालांकि इस मामले में सिर्फ चार पक्षियों की अज्ञात कारणों से मौत हुई है। हमने विस्तृत विश्लेषण और जांच के लिए उनके नमूनों को भोपाल की प्रयोगशाला में भेजा है।’’ उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर मेहसाणा के पशुपालन विभाग ने थोल झील से 50 प्रवासी पक्षियों के अवशेष और उनके खून के नमूने एकत्र किए हैं और उन्हें जांच के लिए भोपाल भेजा है।
गुजरात के पशुपालन विभाग ने बर्ड फ्लू को देखते हुए बुधवार को समूचे राज्य में अलर्ट जारी किया और निगरानी बढ़ा दी है। राज्य के पशुपालन मंत्री कुंवरजी बावलिया ने इससे पूर्व बताया था कि बुधवार को सूरत जिले के माधी गांव में चार पक्षी मृत पाये गये। इससे पहले जूनागढ़ में 55 पक्षी मृत मिले थे। हालांकि मंत्री ने गुजरात में बर्ड फ्लू की आशंका से इनकार किया।