नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी/सेंट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने टास्क फोर्स की एक आपात बैठक बुलाई, जिसमें सीपीसीबी ने कई अहम फैसले लिए। सीपीसीबी ने बैठक में बताया कि 29 तारीख को दिल्ली के प्रदूषण में पराली का 25 प्रतिशत योगदान था। आज बुधवार (30 अक्टूबर) को भी 25 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
सीपीसीबी की मीटिंग में लिए गए अहम फैसले
- 2 नवंबर तक दिल्ली, फरीदाबाद, नोएडा, गुरुग्राम में कोयला आधारित, नॉन PNG वाली उद्योग बाद रखने का आदेश। (पहले 30 तारीख तक बंद रखने का आदेश दिया था)
- शाम 6 बजे से सुबह 10 बजे तक बंद निर्माण कार्य भी 2 नवम्बर तक बंद करने का आदेश, साथ मे स्टोन क्रशर भी।
- सीपीसीबी ने पंजाब और हरियाणा सरकार से कहा है कि पराली जलाने पर तुरंत पाबंदी लगाएं।
- सीपीसीबी ने अलग-अलग एजेंसी से कहा कि और ज्यादा निगरानी करें, साथ ही सड़कों पर बार-बार पानी का छिड़काव करने को भी कहा है।
- CPCB, एजेंसी के काम से संतुष्ट नहीं, 24 घंटे में कंप्लेन का निपटारा करें।
- सीपीसीबी के अनुसार, मंगलवार दोपहर से अभी तक गंभीर स्थिति बनी हुई है। अभी आगे यही हाल रहेगा, 31 अक्टूबर (गुरुवार) शाम तक बदलाव की उम्मीद है। चक्रवात की वजह से दिल्ली के आसमान में बादल हैं, इसलिए विजीविलिटी कम है।
गौरतलब है कि प्रदूषण के मामले में नवंबर के पहले 15 दिन काफी संवेदनशील होते हैं, इस दौरान पराली जलने की सबसे अधिक घटनाएं होती हैं। हालांकि, स्मॉग का असर एक नवंबर के बाद कुछ कम होने की उम्मीद जताई जा रही है।
स्कूलों ने उठाए खास कदम
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए स्कूलों ने अभिभावकों से अपील की है कि वह अपने बच्चों को मास्क पहनाकर स्कूल भेजें। स्कूलों ने इसके साथ ही खुले में होने वाली गतिविधियां अंदर स्थानांतरित कर दी हैं। स्कूल दिवाली की छुट्टियों के बाद बुधवार को फिर से खुले। दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है इसलिए स्कूलों द्वारा प्रदूषण से निपटने के लिए ये कदम उठाया गया है।
बुधवार (30 अक्टूबर) को दिवाली छुट्टी के बाद स्कूल फिर से खुल गए है, लेकिन गुरुग्राम के एक स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि उन्होंने सोमवार को अभिभावकों को एडवाइजरी भेजी थी कि वह अपने बच्चों को बिना मास्क के स्कूल न भेजें।