जयपुर: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अब राजस्थान में भी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर नजरे टेढ़ी कर ली हैं। मंत्रालय ने राजस्थान से PFI की गतिविधियों की जानकारी मांगी है। इतना ही नहीं PFI के कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों की सूची भी मांगी गई है। गृह मंत्रालय ने 2015 से 2019 के दौरान में PFI और इसके सदस्यों के खिलाफ अनलॉफुल एक्टिविटी एक्ट 1967, आईपीसी की धारा 153 ए, 153 बी और अन्य धाराओं के तहत दर्ज मामलों का रिकॉर्ड मांगा है।
इंटेलिजेंस पुलिस ने जुटाई जानकारी
गृह मंत्रालय के पत्र के बाद इंटेलिजेंस पुलिस द्वारा प्रदेशभर से जानकारी जुटाई गई है। इसके तहत PFI के स्थानीय पदाधिकारियों और सदस्यों के प्रदर्शन और रास्ता जाम करने सहित कई गतिविधियों में शामिल होने की जानकारी मिली। इंटेलिजेंस पुलिस ने इसकी जानकारी गृह विभाग को भेज दी है, जहां से उसे गृह मंत्रालय भेजा जाएगा। PFI के खिलाफ पांच सालों मे कहां, कितने मामले दर्ज हुए हैं, इसका इंडिया टीवी के पास पूरा रिकार्ड है।
PFI के खिलाफ दर्ज मामले
- PFI के पदाधिकारियों के खिलाफ आधा दर्जन आपराधिक मामले सामने आए
- साल 2015 में भीलवाड़ा के सुभाष नगर थाने में एहसान नीलगर सहित 15 के खिलाफ मामला दर्ज है। 23 जुलाई, 2017 को चार्जशीट पेश हुई। फिलहाल, केस कोर्ट में विचाराधीन है।
- साल 2016 में भीलवाड़ा के सुभाष नगर थाने में मोहम्मद सुल्तान, आरिफ सहित पांच के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। 31 अगस्त, 2017 को चार्जशीट पेश हुई। केस कोर्ट में विचाराधीन है।
- साल 2017 में भीलवाड़ा के सुभाष नगर थाने में अब्दुल सलाम के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। 18 दिसम्बर, 2018 को चार्जशीट फाइल की गई। फिलहाल, केस कोर्ट में विचाराधीन है।
- साल 2018 में बूंदी के कोतवाली में मोहम्मद अनीस आदि के खिलाफ केस दर्ज किया गया। 4 नवंबर, 2018 को चार्जशीट फाइल हुई। फिलहाल, मामला कोर्ट में चल रहा है।
- साल 2019 में बूंदी के कोतवाली में यूनुस, बर्कतुल्लाह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। मामले में अनुसंधान चल रहा है।
- साल 2019 में झालावाड़ के भवानी मंडी में सादिक हुसैन, शेर अली, नियामत अली आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। अनुसंधान जारी है।
झारखंड में बैन है PFI
PFI देशभर में विरोद प्रदर्शन और अपनी आक्रामक छवि के लिए जाना जाता है। झारखंड में इस संगठन पर रोक लग चुकी है। हाल ही में PFI द्वारा फंडिग के मामले भी मीडिया में छाए रहे, जिसके बाद केंद्र सरकार ने राजस्थान में भी PFI के खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी मांगी है।