नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कर्मी जल्द ही अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) पर विदेश यात्रा कर सकते हैं। सरकार के अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय ने इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है जिसपर गृह, पर्यटन, नागरिक विमानन तथा व्यय जैसे संबंधित विभागों से इसपर ‘‘जल्द से जल्द’’ राय मांगी है। अधिकारियों ने एक पत्र के हवाले से बताया कि यह प्रस्ताव विदेश मंत्रालय की ओर से दिया गया है। इसमें पांच मध्य एशियाई देशों- कजाखस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान- को एलटीसी योजना के तहत शामिल करने का प्रस्ताव है।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार के कर्मियों को एलटीसी के तहत इन देशों की यात्रा करने देने का मकसद रणनीतिक तौर पर अहम मध्य एशियाई क्षेत्र में भारत की सक्रियता बढ़ाना है। इससे पहले, मार्च में सरकार ने कहा था कि उसने अपने कर्मचारियों को एलटीसी का लाभ लेकर विदेश यात्रा की अनुमति देने का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया है।
कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने उस वक्त कहा था, ‘‘दक्षेस क्षेत्र में लोगों से लोगों का संपर्क बढ़ाने और रिश्तों को मजबूत करने के मकसद से दक्षेस देशों में सरकारी कर्मियों को एलटीसी सुविधा दिए जाने के प्रस्ताव का सरकार ने परीक्षण किया। सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद प्रस्ताव व्यावहारिक नहीं पाया गया और इसे आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय किया गया।’’ दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में केंद्र सरकार के कर्मियों की संख्या करीब 48.41 लाख है।