नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 20 मौजूदा केंद्रों और 22 संभावित केंद्रों की पहचान की गई है। अभी तक सामुदायिक स्तर पर संक्रमण का कोई सबूत नहीं है लेकिन इसे नियंत्रित करने के लिए विशाल मानव संसाधन की जरूरत है। मंत्रालय ने यह बात कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए राज्यों को मानव संसाधन पर जारी परामर्श में कही है ताकि वह बीमारी से लड़ने के लिए मानव संसाधन तैयार कर सकें और उसी के अनुरूप प्रशिक्षण दे सकें।
दस्तावेज में कहा गया, ‘‘सामुदायिक स्तर पर संक्रमण के सबूत नहीं मिले हैं लेकिन कोरोना वायरस प्रभावित 20 मौजूदा और 22 संभावित केंद्रों की पहचान की गई हैं। नियंत्रण करने के उपायों और संक्रमण के चक्र को तोड़ने एवं संक्रमित लोगों के इलाज के लिए चिकित्सा प्रबंधन में बड़े पैमाने पर मानव संसाधन की जरूरत होगी।’’ परमार्श में क्षमता के विकास पर जोर देते हुए कहा गया है कि चिह्नित मानव संसाधन को मंत्रालय द्वारा तैयार कार्यक्रम के तहत ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि प्रशिक्षण विभिन्न लक्षित समूहों जैसे निगरानी, संक्रमितों की पहचान, नमूना संग्रह, नमूनों की पैकिंग और परिवहन, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण के उचित इस्तेमाल और जैव कचरे का प्रबंधन सहित अस्पताल संक्रमण निवारण एवं नियंत्रण, वेंटिलेटर प्रबंधन सहित चिकित्सीय मामलों का प्रबंधन, क्वारंटीन एवं आइसोलेशन केंद्र का प्रबंधन, समाज स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल आदि के क्षेत्र में होनी चाहिए।
मंत्रालय ने राज्यों को सलाह दी है कि प्रशिक्षण के लिए पहचान और इन गतिविधियों के समन्वय के लिए नोडल अधिकारी की तैनाती करें। कोरोना वायरस संक्रमण प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन को सलाह दी गई है कि वह मानव संसाधन जुटाए, जो ऑपरेशन पूरा होने तक निर्धारित क्षेत्र में ही रह सकें। परामर्श में कहा गया, ‘‘आइसोलेशन केंद्र के लिए सभी अस्पतालों के कर्मचारी, दंत चिकित्सक और उपलब्ध आयुष प्रैक्टिशनर को भी प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
सेवानिवृत्त डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों की पहचान करनी चाहिए जो आपात स्थिति में अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमितों का इलाज कर सकें। मंत्रालय ने कहा कि निगरानी के लिए प्रत्येक 250 लोगों पर एक व्यक्ति को कोविड योद्धा के तौर पर चिह्नित एवं प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।