नयी दिल्ली: केंद्र ने उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर भारतीय जनसंघ के नेता दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने आज यह जानकारी दी। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने उपाध्याय की विरासत को पुनर्जीवित करने की कोशिश के तहत यह प्रस्ताव दिया था जिनकी मुत्यु 1968 में इसी जंक्शन पर हुई थी। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहिर ने आज प्रस्ताव को मंजूरी दी।
इस कदम से संसद में हंगामा हुआ और समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल सहित कई सांसदों ने जंक्शन का नाम उपाध्याय के नाम पर रखने को मंजूरी देने वाले केंद्र के फैसले का विरोध किया। यह जंक्शन देश का चौथा सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है और यह मुख्य हावड़ा-दिल्ली ग्रांड लाइन पर स्थित है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने जून में स्टेशन का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए रेल मंत्रालय के पास भेज दिया था।
वर्ष 1968 में उपाध्याय का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मुगलसराय स्टेशन के एक प्लेटफार्म पर मिला था। यह शहर चंदौली जिले का हिस्सा है और वाराणसी से सिर्फ 20 किलोमीटर दूर है। मुगलसराय पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्मस्थान भी है। मुगलसराय ऐसा अकेला रेलवे स्टेशन नहीं जिसका नाम हाल में बदला गया हो। इस साल शुरू में मुंबई में प्रतिष्ठित छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के नाम में महाराज शब्द जोड़ा गया था।