नई दिल्ली: एलएसी पर जारी तनाव के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी CDS जनरल बिपिन रावत आज जवानों के बीच हैं। आज चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ लेह के दौरे पर हैं और सरहद पर तैनात अधिकारियों के साथ सुरक्षा स्थिति का जायजा ले रहे हैं। जनरल रावत का लेह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब एलएसी पर जबरदस्त टेंशन है और भारत-चीन की सेना आमने-सामने है। बता दें कि CDS जनरल बिपिन रावत पीएम नरेंद्र मोदी के साथ लेह पहुंचे हैं।
यहां वो घायल जवानों से भी मुलाकात करेंगे और नॉर्दन आर्मी कमांड और 14 कॉर्प्स के अधिकारियों के साथ सुरक्षा स्थिति का जायजा लेंगे। पहले इस दौरे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी जाना था, लेकिन उनका दौरा अभी के लिए टाल दिया गया है।
बता दें कि तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच में अब तक कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। भारत ने चीन की खतरनाक चाल और साजिशों को अच्छे से समझ लिया है इसीलिए एलएसी पर अपनी सैनिक ताकत पूरी तरह बढ़ा दी है।
गौरतलब है कि CDS बिपिन रावत से पहले आर्मी चीफ नरवणे बॉर्डर से लौट चुके हैं। गुरुवार को ही वायुसेना चीफ एयर चीफ मार्शल आरके एस भदौरिया ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर कमांड अफसरों से बात की है और रक्षामंत्री राजनाथ भी लेह जाने वाले थे, लेकिन ऐन वक्त पर उनका दौरा फिलहाल टल गया है।
ये बात तय है कि चीन को भारत का एक भी फैसला अच्छा नहीं लग रहा है। वहीं लद्दाख में LAC पर हिमाकत करने में तुले चीनियों को सबक कैसे सिखाया जाए, इसे लेकर दिल्ली में लगातार बैठकें हो रही हैं। गुरुवार को रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री में लंबी बातचीत हुई। कुल मिलाकर लद्दाख में एलएसी पर तनाव बरकरार है लेकिन किसी भी परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए भारत तैयार है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, "भारत और चीन के वरिष्ठ कमांडरों के बीच हुई हालिया बैठक में दोनों पक्षों की ओर से एलएसी पर तनाव को कम करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई गई थी। ऐसे में हम चीनी पक्ष से अपेक्षा करते हैं कि वह ईमानदारी से समझौतों और प्रोटोकॉल का अनुपालन करेगा और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाली के प्रयास सुनिश्चित करेगा।"
बातचीत के जरिए फिलहाल कोशिश हो रही है कि मामले का हल हो जाए। चीन बातचीत की टेबल पर तो बैठता है, समझौते पर हस्ताक्षर करने जैसी सूरत भी तैयार करता है लेकिन सरहद पर समझौते वाली तस्वीर नजर नहीं आती। लिहाजा चीन की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए भारत पूरी तरह तैयार है।