नई दिल्ली: सीबीएसई पेपर लीक मामले में गुनहगारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का संकल्प व्यक्त करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि इस घटना से सीबीएसई की छवि को दाग लगा है और ऐसी घटना दोबारा नहीं हो, इसके लिए परीक्षा व्यवस्था में बदालव समेत सभी जरूरी उपाए किये जाएंगे।
जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि 16 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी और पेपर लीक के कारण परीक्षा रद्द हो गई है, उन छात्रों और अभिभावकों की पीड़ा वह समझते हैं। छात्रों की क्या मनोदशा होती है, उन्हें पता है। मंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने यह अपराध किया है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि पुलिस जल्द ही दोषियों को पकड़ेगी जैसे एसएससी मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है।’’
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं अभिभावकों और विद्यार्थियों के दर्द को समझ सकता हूं। मैं भी नहीं सो सका, मैं भी एक अभिभावक हूं। इस पेपर लीक मामले में जो भी दोषी होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।’’
पेपर लीक मामले में सीबीएसई के निशाने पर आने के बीच मंत्री ने कहा कि सीबीएसई की व्यवस्था अच्छी है और उच्चतम न्यायालय ने नीट परीक्षा के मामले में बोर्ड की तारीफ की और कहा कि इसकी व्यवस्था सबसे चुस्त है। उन्होंने कहा, ‘‘वैसे इस घटना से सीबीएसई की शुचिता को दाग लगा है। हम तह तक जाएंगे। एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है और हम आंतरिक जांच करा रहे हैं।’’
जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस विषय को गंभीरता से लिया है। शिक्षा के क्षेत्र में अपराध की घटना आई है और हमारे सामने इसे खत्म करने की चुनौती है। मंत्री ने कहा, ‘‘गुनाहगारों ने व्यवस्था में सेंध लगाने का काम किया है। हम दुनिया के देशों में इस बारे में व्यवस्था को देख रहे हैं और परीक्षा व्यवस्था में जरूरी बदलाव करेंगे।’’
10वीं और 12वीं कक्षा के कथित प्रश्न-पत्र लीक मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने अपनी अपराध शाखा का एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है। जांच करने वाली एसआईटी में पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) और सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) रैंक के पुलिसकर्मी शामिल हैं। सीबीएसई द्वारा अपराध शाखा में दो मामले दर्ज करने के बाद एसआईटी का गठन हुआ है।
कांग्रेस ने प्रश्नपत्र लीक मामले में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर और सीबीएसई के अध्यक्ष का इस्तीफा मांगा है और इसकी जांच उच्च न्यायालय के जज से कराने की मांग की है।