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CBSE Board Exams: परीक्षा कराए जाने के फैसले से खुश नहीं प्राइवेट स्टूडेंट्स

 देश भर में मोटे तौर पर करीब 22,000 छात्रों ने सीबीएसई के साथ प्राइवेट तौर पर पंजीकरण कराया है और उन्हें परीक्षा देनी होगी। हालांकि, उन्होंने मांग की है कि नियमित छात्रों की तरह वैकल्पिक मानदंडों का उपयोग करके उनका मूल्यांकन किया जाए।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 21, 2021 11:21 IST
CBSE Board Exams Private students planning protest against CBSE decision to hold exams CBSE Board Ex- India TV Hindi
Image Source : PTI CBSE Board Exams: परीक्षा कराए जाने के फैसले से खुश नहीं प्राइवेट स्टूडेंट्स (Representational Image)

नई दिल्ली. कोरोना काल में इस बार देश के तमाम राज्यों के द्वारा बोर्ड्स द्वारा एग्जाम नहीं करवाए गए। CBSE भी इसमें शामिल है, हालांकि सीबीएसई द्वारा प्राइवेट स्टूडेंट्स के बोर्ड एग्जाम करवाने का निर्णय लिया गया, जिससे बहुत से प्राइवेट स्टूडेंट्स नाखुश हैं। इसको लेकर राजधानी नई दिल्ली में गुरुवार को एक विरोध प्रदर्शन भी प्लान किया जा रहा है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई।

प्राइवेट स्टूडेंट्स, वे हैं जो या तो परीक्षा दोहरा रहे हैं या अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहते हैं। पत्राचार के छात्रों को भी 15 अगस्त से 15 सितंबर के बीच निर्धारित परीक्षाओं में बैठना होगा। देश भर में मोटे तौर पर करीब 22,000 छात्रों ने सीबीएसई के साथ प्राइवेट तौर पर पंजीकरण कराया है और उन्हें परीक्षा देनी होगी। हालांकि, उन्होंने मांग की है कि नियमित छात्रों की तरह वैकल्पिक मानदंडों का उपयोग करके उनका मूल्यांकन किया जाए।

वाराणसी के एक छात्र कार्तिकेय ने कहा, "हमारे संविधान में अनुच्छेद 14 के तहत समानता का अधिकार है; यदि महामारी के कारण परीक्षा रद्द कर दी गई है, तो इसे प्राइवेट स्टूडेंट्स के लिए भी रद्द कर दिया जाना चाहिए। वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने कहा है कि कुछ ही समय में तीसरी लहर आने की संभावना है। फिर क्या होगा?"

दिल्ली में पत्राचार की एक छात्रा रत्नाप्रभा पुरी ने कहा कि परीक्षा आयोजित करने का निर्णय कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में उनके प्रवेश को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने कहा, "सीबीएसई ने हमारे माता-पिता से कहा है कि अगर स्थिति परीक्षा आयोजित करने के लिए अनुकूल नहीं है, तो वे उन्हें दो महीने के लिए स्थगित कर देंगे। इसका मतलब यह हुआ कि जब तक हमारे नतीजे आएंगे, तब तक उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले हो चुके होंगे। हमें इस तरह से परेशान क्यों किया जाना चाहिए?"

रत्नाप्रभा पुरी ने बताया कि गुरुवार को इसको लेकर सीबीएसई ऑफिस के बाहर एक प्रोटेस्ट प्लान किया जा रहा है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि ऐसे माता-पिता भी हैं जिन्होंने स्वास्थ्य कारणों से परीक्षा रद्द करने के लिए सरकार से याचिका दायर की थी। इनमें केरल के कन्नूर के डॉ वीपी सत्यनाथन भी शामिल हैं। उनका बेटा दामोदर बार-बार तीव्रग्राहिता से पीड़ित है।

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