सीबीआई में मचे घमासान के बीच केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) सोमवार से इस मामले को अपने हाथ में ले लिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी आज सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना द्वारा एक दूसरे पर लगाए गए आरोपों से जुड़े सभी दस्तावेज और फाइलें सीवीसी को सौंप देगी। इस मामले में सीवीसी वर्मा और अस्थाना के साथ ही सीबीआई के दर्जनों अधिकारियों से भी गहन पूछताछ कर सकती है।
इससे पहले कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा था कि आलोक वर्मा राफेल डील से जुड़े मामले पर काम कर रहे थे। इसी जांच में खुलासे के डर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय और सीवीसी केवी चौधरी इस मामले को ढंकने के लिए साजिश रच रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता रणजीत सुरजेवाला ने आरोप लगाते हुए कहा था कि, मोदी सरकार और केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के बीच मध्यरात्रि रची गई कुटिल साजिश का अब खुलासा हो गया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओवीटी) और सीवीसी के जरिए मध्य रात्रि साजिश रच कर सीबीआई निदेश को छुट्टी पर भेज दिया।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण भी केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं। प्रशांत भूषण ने कहा है कि केंद्र सरकार आलोक वर्मा को उनकी ड्यूटी करने से रोकने के लिए यह पूरी साजिश रच रही है। यह तब और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब वर्मा विवादास्पद राफेल सौदे की जांच कर रहे हों।