नयी दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर प्रदेश के देवरिया के एक आश्रय गृह में नाबालिग लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न की जांच अपने हाथों में ले ली है। जांच एजेंसी ने देवरिया के मां विंध्यवासिनी महिला एवं बालिका संरक्षण गृह की निदेशक गिरिजा त्रिपाठी और अधीक्षक कंचन लता त्रिपाठी के खिलाफ दो प्राथमिकियां दर्ज की हैं। सीबीआई जांच की उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिश के करीब एक साल बाद यह कदम उठाया गया है।
पिछले साल अगस्त में अधिकारियों ने इस आश्रय गृह से 24 लड़कियों को मुक्त कराया था। वहां 42 लड़कियां थीं। मेडिकल परीक्षण में 42 में से 34 के साथ यौन उत्पीड़न किये जाने की पुष्टि हुई थी। अधिकारियों के अनुसार उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज जिन दो प्राथमिकियों को सीबीआई ने अपने हाथों में लिया है, उनका संबंध गलत तरीके से बंधक बनाने, मानव तस्करी, यौन उत्पीड़न, यौन हमले, जनसेवक को अपना काम करने से रोकने के लिए आपराधिक बल प्रयोग, बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनयिम और किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों से है।
यह मामला बिहार के मुजफ्फरपुर में सरकारी धन से चलने वाले एक आश्रय गृह में किशोरियों पर कथित यौन उत्पीड़न के आलोक में सामने आया था। इन घटनाओं पर लोगों की नाराजगी सामने आयी थी।