नयी दिल्ली: RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके परिवारवालों के खिलाफ सीबीआई की तरफ से केस दर्ज होने के बाद जहां बीजेपी ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से इस्तीफा देने की मांग की है वहीं सहयोगी दल जेडीयू ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। लालू प्रसाद के बचाव में अभी तक जेडीयू तरफ से कोई बयान नहीं आया है। जेडीयू के कई नेताओं ने चारा घोटाले के एक मामले में पहले ही दोषी करार दिए जा चुके लालू के खिलाफ नए केस को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। इससे संकेत मिल रहे हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी मिस्टर क्लीन की छवि बरकरार रखना चाहते हैं और विपक्षी एकता में सेंध लगाते हुए दिखना भी नहीं चाहते। एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार राम नाथ कोविंद का समर्थन करके उन्होंने विपक्षी खेमे में खलबली मचा दी थी।
राजद सुप्रीमो की बढ़ती मुश्किलों के बीच जदयू के एक नेता ने कहा कि उनकी पार्टी आने वाले कुछ हफ्तों और महीनों में देखेगी कि चीजें किस तरह आगे बढ़ती हैं। जदयू नेताओं के एक तबके का मानना है कि आज के घटनाक्रम के बाद नीतीश की स्थिति मजबूत होगी जबकि लालू कमजोर होंगे, जिससे बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में उनकी तोलमोल की शक्ति कम पड़ जाएगी और मुख्यमंत्री नीतीश को सरकार चलाने में ज्यादा आजादी मिल सकेगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या महागठबंधन सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी, इस पर कई जदयू नेताओं ने कहा कि बिहार की मौजूदा सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। उन्होंने संकेत दिए कि उप-मुख्यमंत्री और लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ तुरंत कोई कार्वाई होने की संभावना कम है। लालू के रेल मंत्री रहते हुए आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव के लिए ठेके देने में कथित रिश्वतखोरी और अनियमितता से जुड़े केस में सीबीआई ने तेजस्वी को भी आरोपी बनाया है। भाजपा ने नीतीश कैबिनेट से तेजस्वी की बर्खास्तगी की मांग की है।
नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर एक नेता ने बताया, इसमें दो तरह की राय है। एक राय यह है कि मोदी सरकार विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है। दूसरी राय यह है कि भ्रष्ट नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। सीबीआई के एक केस की वजह से हम तेजस्वी को दोषी नहीं ठहरा सकते। देखिए कि आगे की जांच में क्या होता है।