नई दिल्ली। सीबीआई ने गुरुवार (25 मार्च) को राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत देश के 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 100 ठिकानों पर छापेमारी की। सीबीआई ने अलग-अलग बैंक फ्रॉड के करीब 30 केसों में यह राष्ट्रव्यापी छापेमारी की है। सीबीआई ने ये छापेमारी दिल्ली, महाराष्ट, कर्नाटक, यूपी में अलग-अलग फर्म्स में की है।
एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी, ओवरसीज़, यूनियन बैंक, आईडीबीआई, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट, सेंट्रल बैंक मिलाकर करीब 30 बैंकों के विजिलेंस डिपार्टमेंट के साथ मिलकर ज्वाइंट सर्च किया गया। इन बैंकों ने अलग-अलग फर्म्स के फ्रॉड को लेकर शिकायतें की थी।
11 राज्यों व संघ शासित प्रदेशों में यह कार्रवाई बैंक धोखाधड़ी के 30 से ज्यादा मामलों में की गई है। इन मामलों में कुल 3700 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है। फर्म्स के मालिकों से भी पूछताछ की गई है। जांच एजेंसी ने छापे के लिए विभिन्न विभागों के सतर्कता दलों के साथ समन्वय किया था।
सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा, '' ये छापेमारियां भारत में विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंको से मिली शिकायतों के आधार पर धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ शुरू किये विशेष अभियान का हिस्सा है। शिकायतकर्ता बैंकों में इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक,स्टेट बैंकआफ इंडिया आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये छापेमारियां, कानपुर, दिल्ली, गाजियाबाद, मथुरा, नोएडा, गुड़गांव, चेन्नई, तिरुवरूर, वेल्लोर, तिरुपुर, बेंगलुरु, गुंटूर, हैदराबाद, पश्चिमी गोदावरी, सूरत, मुंबई, भोपाल, निमडी, तिरुपति, विशाखापत्तमन, अहमदाबाद, राजकोट, करनाल, जयपुर और श्री गंगानगर आदि में की गईं।
ईडी ने बिहार के एक न्यास के प्रर्वतकों की संपत्तियां जब्त कीं
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार के एक व्यक्ति और उसके परिवार की एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां जब्त की हैं। ये सभी एक न्यास के प्रवर्तक हैं। इन पर मेडिकल कॉलेज की सदस्यता दिलाने का लालच देकर निवेशकों के साथ ठगी करने का आरोप है। ईडी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि उसने धन शोधन रोकथाम अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत बिहार के पटना एवं सासाराम जिले में स्थित 14 अचल संपत्तियों, बैंक खातों और जीवन बीमा पॉलिसी को जब्त करने के लिए आदेश जारी किए हैं।
ईडी ने एक बयान में कहा कि यह संपत्तियां बौद्ध वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार, उनकी पत्नी सीता कुमारी और बेटी लिप्सा कुमार से संबंधित हैं। बयान के मुताबिक, जांच में पाया गया कि आरोपियों ने ट्रस्ट के अन्य सदस्यों को झूठा आश्वासन दिया कि ट्रस्ट एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने जा रहा है और दान देने वालों को इसमें आजीवन सदस्यता दी जाएगी। इसके मुताबिक, लालच देकर आरोपियों ने सदस्यों से भारी राशि एकत्र की और बाद में ट्रस्ट के बैंक खाते से रकम को निजी खातों में स्थानांतरित किया गया।