नई दिल्ली। देशव्यापी अभियान के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कथित भ्रष्टाचार, आपराधिक कदाचार और हथियारों की तस्करी के नये मामलों के सिलसिले में 19 राज्यों में 110 स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उनके अनुसार सीबीआई ने 30 नये मामले दर्ज किये हैं। देशभर में हुई इस छापेमारी में सीबीआई के लगभग 500 अधिकारियों ने भाग लिया। दिल्ली, मुम्बई, चंडीगढ़, जम्मू, श्रीनगर, पुणे, जयपुर, गोवा, रायपुर, हैदराबाद, मदुरै, कोलकाता, राउरकेला, रांची, बोकारो, लखनऊ, कानुपर तथा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक एवं बिहार में अन्य स्थानों पर छापेमारी की जा रही है।
छापेमारियों से संबंधित कुछ केस
- जबलपुर, बेतुल, इंदौर में छापेमारी की गई। CBI को एक फाइल मिली, जिसमें दोनों पार्टियों के हस्ताक्षर हैं। इसके अलावा कई बैंकों की पासबुक और केस से जुड़े कागजात भी मिली हैं। मामला एक धोखाधड़ी का है। आरोप है कि साल 2014 में अज्ञात लोगों ने रमेश चौरसिया नाम के शख्स से छिंदवाड़ा में 980 एकड़ जमीन की फर्जी डील की गई थी। जमीन 11 करोड़ 50 लाख की थी। मामले में कुंदन लाल जायसवाल, संतोष जयसवाल, जवाहर चौहान, सतीश माकोड़े, मुन्ना लाल पंवार और अशोक कुमार जयसवाल आरोपी हैं।
- जयपुर में कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने केस लिया। अर्चना राठौड़ ने शिकायत की थी कि उनका बेटा अगस्त 2013 से गायब है। उन्होंने अपने पति पर शक जताया था। मामले में विमलेंद्र पाल सिंह और हिमांशु आरोपी हैं। इसमें भरतपुर और मुम्बई में रेड हुई है।
- हरिद्वार में भी सर्च हुआ है। यहां के शिवालिक नगर की एसबीआई ब्रांच के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर सुजीत कुमार लोहानी पर आरोप है कि उन्होंने कुछ लोगों और बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर 13 करोड़ रुपये के 13 हाउसिंग लोन गलत तरह से जारी किए थे। ये लोन विजय कुमार कुशवाह और उसके कर्मचारियों को जारी किए। इसमें 55 ग्राम गोल्ड और प्रॉपर्टी से जुड़े कुछ दस्तावेज बरामद हुए हैं।
- श्रीनगर में 1 जगह, उधमपुर में 1जगह और जम्मू में 11 जगह रेड हुई है। ये रेड कुछ प्राइवेट गन हाउस पर हुई है। चंड़ीगढ़ की स्पेशल क्राइम ब्रांच में 2 केस दर्ज हुए थे। ये केस जम्मू कोर्ट के आदेश पर गलत तरह से हथियार का लाइसेंस देने पर दर्ज हुए थे। इसमें कुछ प्राइवेट गन हाउस और प्राइवेट लोगों के घरों से केस से जुड़े दस्तावेज, बैंक के दस्तावेज, ब्लैंक एनओसी जोकि डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के थे, डीएम आफिस का आर्म्स लाइंसेंस इशू रजिस्टर, आर्म्स लाइसेंस के रिन्यूअल के फॉर्म्स और मनी ट्रांजेक्शन के कुछ बैंक रिकॉर्ड मिले।
- जम्मू के कटवा में सर्च हुआ। इस केस में अस्सिटेंट डेवलपमेंट अफसर शुभेन्द्र पर 17.73 लाख रुपये की चीटिंग का आरोप है। ये मामला फर्जी दस्तावेजों पर लोन का है।
- गाज़ियाबाद और बुलंदशहर में 4 जगह रेड हुई हैं, डीके गुप्ता जोकि मेरठ रोड में पीएनबी बैंक में ब्रांच मैनेजर थे। इन पर आरोप है कि इन्होंने कान्हा सेल्स के नाम पर करंट अकाउंट खोला, जिसमें इन्होंने नोट बंदी के दौरान 500 और 1000 के नोट जमा किए। ये रकम कुल 58 लाख रुपये थी। अकाउंट में फर्जी केवाईसी डिटेल का इस्तेमाल किया गया था। छापेमारी में LIC के पेपर, बैंक के कागजात और प्रोपेर्टी के पेपर जब्त हुए हैं।
- शुगर मिल घोटाला: अप्रैल 2019 में दर्ज हुआ था, इसमे 14 जगहों पर सर्च हुए हैं। मामले में तत्कालीन प्रिंसपल सेक्रेटरी नेतराम और अलीगंज शुगर मिल के पूर्व एमडी विनय प्रिय दुबे (रिटायर्ड आईएएस) आरोपी हैं। एक रेड विनय प्रिय दुबे (रिटायर्ड आईएएस) के यहां अलीगंज, लखनऊ में हुई। इसके अलावा मोहम्मद वाजिद अली और मोहम्मद जावेद के यहां सहारनपुर में रेड हुई। ये दोनों एमएलसी इकबाल सिंह के बेटे हैं। सौरभ मुकंद प्राइवेट पर्सन हैं, इनके सहारनपुर के घर पर रेड की है। सीए गुप्ता के दिल्ली के घर बाराखम्बा रोड पर रेड हुई। वहीं जीके में भी इनके घर पर रेड हुई है। इन रेड्स में 11 लाख कैश और कुछ कागजात बरामद हुए हैं। मामले में 7 लोग के खिलाफ नामजद एफआईआर है।
- शिलॉन्ग में मेघालय रूरल बैंक के जनरल मैनेजर ने शिकायत की थी कि कृष्ण रैम्परे (तत्कालीन बैंक मैनेजर थे।) ने अपने पद का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हुए 114 लोगों को 14 करोड़ 33 लाख रुपये क्रेडिट किए हैं। इसमें 9 लोग आरोपी हैं। शिलॉन्ग में 7 जगहों पर रेड हुई है।
- भूपेंद्र सिंह हुड्डा, तत्कालीन आईएएस टीसी गुप्ता के खिलाफ गुरुग्राम लैंड डील मामले में जनवरी में केस दर्ज हुआ था। उसमें भी सर्च की गई, इसमें एक कृष बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड, जसोला में रेड कर वहां से 14 लैंड डील के कागजात बरामद किए हैं, जो इस केस में बहुत महत्वपूर्ण थे।
- ये केस कंपनी के टेंडर में हेर फेर का है। ब्रिटिश इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटिड के तत्कालीन सीएमडी केएस दुग्गल और तत्कालीन सेकेट्री केसी बाजपेयी पर कंपनी के टेंडर में हेर-फेर करने का आरोप है। आरोप है कि रिश्वत लेकर ये टेंडर इन्होंने अपने रिश्तेदारो को जारी किए थे। इसमें सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ था। इस मामले में कानपुर, लखनऊ और चंडीगढ़ समेत 5 जगहों पर सर्च हुई। CBI को कुछ कागजात बरामद हुए हैं।
- 7 जुलाई को HP इंटरनेशनल कंपनी की शिकायत पर निशित कुमार (प्रोपराइटर) और प्राइवेट पर्सन्स के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। आरोप है कि इनके द्वारा फर्म से गलत तरीके से ओसीसी लिमिट 11.75 करोड़ रिन्यू की थी, जो अमाउंट NPA हो गया था। मार्च 2018 में 12 करोड़ 41 लाख आउटस्टैंडिंग हो गई थी। इसमें रेड हुई हैं।
- शिमला के स्कॉलरशिप घोटाले में भी सर्च हुई हैं। ये स्कॉलरशिप 2013 से 2017 के बीच दी गयी थी। इसमें पेरेंट्स ने शिकायत की थी कि अवॉर्ड मिल गया लेकिन पैसा नही मिला। ये घोटाला ढाई करोड़ रुपये का था। रेड NIELT इंस्टिट्यूट के खिलाफ उनके कांगरा, ऊना और सिरमोहर ब्रांच में हुई हैं।
- सीबीआई ने चोरी विरोधी विंग के खिलाफ तीन केस रजिस्टर किए थे। इसमें फण्ड के दुरप्रयोग का मामला दर्ज हुआ था। ये तेलंगाना के मामले हैं। इसमें तेलंगाना में 28 जगहों पर सर्च हुआ है।
- दिल्ली में एडवांटेज इंडिया लिमिटेड, अककॉर्डिस हेल्थ केअर प्राइवेट लिमिटेड, दीपक तलवार, सुनील खंडेलवाल, टी कपूर और रमन कपूर बाकी कुछ अन्य प्राइवेट पर्सन के खिलाफ जो केस दर्ज हुआ था उसमें रेड की गई हैं। आरोप था 90 करोड़ 72 लाख रुपये का फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन का। FCRA के तहत इस मामले में करवाई ही थी। इसमें 11 जगह सर्च हुई है, जिसमें मुनिरका, कृष्णनगर, लक्ष्मी नगर, निर्माण विहार, साहिबाबाद, द्वारका, पीतमपुरा और तुर्कमान गेट शामिल हैं।
- राजकुमार (इंस्पेक्टर NCB, दिल्ली), नीरज भाटिया (3b हेल्थ केअर) के खिलाफ 24 मई को एक केस रजिस्टर किया गया था। इसमें राजकुमार कंपनी से रिश्वत मांग रहा था, इसमें इनके घर रेड हुई हैं।