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CBI ने अपने ही स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ मामला दर्ज किया, रिश्वत लेने का आरोप

एक अप्रत्याशित कदम के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दूसरे नंबर के शीर्ष अधिकारी राकेश अस्थाना के खिलाफ इस आरोप को लेकर मामला दर्ज किया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : October 21, 2018 20:40 IST
CBI names its own special director Asthana as accused in bribery case
CBI names its own special director Asthana as accused in bribery case

नयी दिल्ली: एक अप्रत्याशित कदम के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दूसरे नंबर के शीर्ष अधिकारी राकेश अस्थाना के खिलाफ इस आरोप को लेकर मामला दर्ज किया है कि मांस कारोबारी मोईन कुरैशी से जुड़े एक मामले में जिस एक आरोपी के विरुद्ध वह जांच कर रहे थे, उससे उन्होंने रिश्वत ली। दो महीने पहले अस्थाना ने कैबिनेट सचिव से सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ यही शिकायत की थी। सीबीआई ने सतीश साना की शिकायत के आधार पर 15 अक्टूबर को अपने विशेष निदेशक अस्थाना के खिलाफ प्राथमिकी 2018 की आर सी 13 (ए) दर्ज की। मांस कारोबारी मोईन कुरेशी की कथित संलिप्तता से जुड़े 2017 के एक मामले में जांच का सामना कर रहे साना ने आरोप लगाया कि अस्थाना ने उसे क्लीनचिट दिलाने में कथित रुप से मदद की।

सीबीआई ने बिचौलिया समझे जाने वाले मनोज प्रसाद को भी 16 अक्टूबर को दुबई से लौटने पर गिरफ्तार किया था। हालांकि जांच एजेंसी इस पूरे मुद्दे पर चुप्पी साधी हुई है। गुजरात संवर्ग के आईपीएस अधिकारी अस्थाना उस विशेष जांच दल (एसआईटी) की अगुवाई कर रहे हैं जो अगस्टावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले और उद्योगपति विजय माल्य द्वारा की गयी ऋण धोखाधड़ी जैसे अहम मामलों को देख रहा है। यह दल मोईन कुरैशी मामले की भी जांच कर रहा है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार अस्थाना ने 24 अगस्त को कैबिनेट सचिव को एक विस्तृत पत्र लिखकर वर्मा के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के 10 मामले गिनाए थे। इसी पत्र में यह भी आरोप लगाया गया था कि साना ने इस मामले में क्लीनिचट पाने के लिए सीबीआई प्रमुख को दो करोड़ रुपये दिये। सूत्रों के अनुसार यह शिकायत केंद्रीय सतर्कता आयोग के पास भेजी गयी जो इस मामले की जांच कर रहा है। अस्थाना ने प्राथमिकी दर्ज होने के चार दिन बाद केंद्रीय सतर्कता आयुक्त को फिर लिखा कि वह साना को गिरफ्तार और पूछताछ करना चाहते हैं और इस संबंध में 20 सितंबर,2018 को निदेशक को एक प्रस्ताव भेजा गया था।

अपने पत्र में उन्होंने 24 अगस्त को कैबिनेट सचिव को लिखी अपनी चिट्ठी का भी हवाला दिया जिसमें निदेशक के खिलाफ कथित अनियमितताओं का ब्योरा दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कहा कि निदेशक ने करीब चार दिनों तक फाईल कथित रुप से रखी और 24 सितंबर, 2018 को उसे अभियोजन निदेशक (डीओपी) के पास भेजने का निर्देश दिया। अभियोजन निदेशक ने रिकार्ड में मौजूद सभी सबूत मांगे। सूत्रों के अनुसार अस्थाना की अगुवाई वाली टीम ने ही साना के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर खोला जिसने देश से भागने की कोशिश की लेकिन सक्रिय कार्रवाई की वजह से वह नहीं भाग सका। सूत्रों के मुताबिक 

अस्थाना ने कहा है यह फाइल डीओपी द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर के साथ फिर तीन अक्टूबर को सीबीआई निदेशक के समक्ष फिर रखी गयी लेकिन अबतक यह नहीं लौटी है। सूत्रों ने अस्थाना की बातों का हवाला देते हुए कहा कि साना से एक अक्टूबर, 2018 को पूछताछ की गयी थी , पूछताछ के दौरान साना ने बताया कि वह एक नेता से मिला जिसने वर्मा से मुलाकात करने के बाद उसे आश्वासन दिया कि इस मामले में उसे क्लीनचिट दे दी जाएगी।

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