इंडिया टीवी को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार पर संदेह करने के लिए सीबीआई के पास पर्याप्त और पुख्ता आधार हैं। इसीलिए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से कहा कि उन्हें जांच में सहयोग करना पड़ेगा। CBI के सामने उन्हें पेश होना ही पड़ेगा।
असल में सीबीआई ने जब राजीव कुमार से उनका फोन मांगा तो उन्होंने अपने कॉल डिटेल में से 80 परशेंट कॉल्स डिलीट कर दी थी। लेकिन CBI पहले ही राजीव कुमार का कॉल डिटेल निकाल चुकी थी। जब उनके फोन में कॉल डिटेल को CDR से मैच किया गया तो पता लग गया कि उन्होंने कितने नंबर डिटील किए हैं। सीबीआई अब ये जानना चाहती है कि इन नंबर्स पर राजीव कुमार ने किससे और क्या बात की थी, और उन्हें डिलीट क्यों किया।
दूसरी बात ये है कि ममता बनर्जी के इस चहेते अफसर के खिलाफ उड़ीसा में एक क्रिमिनल केस दर्ज है। इसके बारे में पहले भी कई बार सीबीआई ने राजीव कुमार से जानकारी मांगी लेकिन राजीव कुमार ने इसे सीबीआई से छुपाए रखा। इसीलिए सीबीआई की दलीलें सुनने के बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार को पूछताछ में शामिल होने के निर्देश दे दिए हालांकि इसे भी ममता अपनी जीत बता रही हैं।