नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 5.62 लाख भारतीय फेसबुक यूजर्स के पर्सनल डेटा में सेंधमारी के आरोप में यूके की फर्म कैम्ब्रिज अनालीटिक और ग्लोबल साइंस रिसर्च लिमिटेड के खिलाफ केस दर्ज किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एजेंसी ने कैम्ब्रिज एनालिटिका और एलेक्जेंडर कोगन की ग्लोबल सांइस रिसर्च के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की आपराधिक षड्यंत्र से संबंधित धाराओं तथा सूचना प्रौद्योगिकी कानून के उल्लंघन करने और कंप्यूटर स्रोत चुराने तथा एकत्रित निजी डेटा को संभालने में लापरवाही बरतने का मामला दर्ज किया है।
2018 में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने की थी शिकायत
गौरतलब है कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने चुनावों को प्रभावित करने के लिए अवैध तरीके से डेटा एकत्रित करने की खबरों के आधार पर 25 जुलाई 2018 को सीबीआई को शिकायत भेजी थी जिसके आधार पर एजेंसी ने मामले में प्रारंभिक जांच शुरू की थी। आरोप सही होने के बाद जांच एजेंसी ने ब्रिटेन की इन कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मंत्रालय ने इस मामले में फेसबुक और कैम्ब्रिज अनालीटिक से जबाब मांगा था। शक था कि भारत में फेसबुक यूज़र्स को चुनाव में प्रभावित करने के लिए ये सेंधमारी हुई है।
जानिए फेसबुक ने क्या कहा
फेसबुक ने बताया कि हो सकता है कि 5.62 लाख भारतीय यूज़र्स के डाटा में सेंधमारी हुई हो जबकि कैम्ब्रिज अनालीटिक ने जबाब दिया कि उन्हें ये डेटा ग्लोबल साइंस रिसर्च से मिला है लेकिन ये अमेरिकी नागरिकों का है। जांच में पता चला कि जीएसआरएल के संस्थापक अलेक्सान्दर कोगन ने फेसबुक की पॉलिसी के तहत 'दिस इज योर डिजिटल लाइफ' नाम का एप बनाया। इस एप के जरिये शिक्षा और रिसर्च के लिए कुछ खास डाटा इकठ्ठा करना था लेकिन एप के जरिये फेसबुक के उन यूज़र्स के अलावा उनके दोस्तों के डाटा में सेंधमारी की गई। ये डाटा एप यूज़र्स की बिना जानाकरी के इकठ्ठा किया गया। यहां तक कि पर्सनल मैसेज में भी सेंधमारी हुई।
जानिए कितने लोगों ने इस्तेमाल किया ऐप
फेसबुक की तरफ से कहा गया कि भारत में ये ऐप 335 लोग इस्तेमाल कर रहे थे। इन एप के जरिये 5.62 लाख भारतीय फेसबुक यूजर्स के डाटा में से सेंधमारी की गई। इनमें 6 एप यूज़र्स से पूछताछ में पता चला कि उन्हें डेटा के सेंधमारी का पता नहीं था। उन्होंने बताया कि अगर ऐसा है तो आगे वो ये ऐप इस्तेमाल नहीं करेंगे। जांच से ये साफ हो गया कि 2014 में जीएसआरएल ने कैम्ब्रिज अनालीटिक के साथ मिलकर एक साजिश रची जिसके तहत जीआरएसएल ने अवैध तरीक़े से फेसबुक यूजर्स का डेटा कैम्ब्रिज अनालीटिक को व्यवसायिक उद्देश्य के लिए दिया। हालांकि 2016-17 में दोनों फर्मों ने फेसबुक को बताया कि जो डेटा लिया गया था वो डिलीट कर दिया है लेकिन जांच में ये साफ नहीं हुआ है कि वो डेटा डिलीट किया गया है या नहीं। ब्रिटेन की इन दोनों कंपनियों के खिलाफ आपराधिक साजिश और आईटी कानूनों के उल्लंघन के लिए सीबीआई ने मामला दर्ज किया है।